नवीन चौहान
उत्तराखंड में लगातार दिल के मरीजों की संख्या का बढ़ना चिंताजनक होता जा रहा है। सामान्य दिनों में लोग अपने दिल की ख्याल नही रखते। अधिक चिकनाई वाली चीजों का सेवन करते है। शादी पार्टी और होटल का खाना खाने वाले लोगों को हार्ट अटैक होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि मानसिक तनाव भी हार्ट अटैक का सबसे बड़ी वजह बन गया है। उक्त जानकारी उत्तराखंड के प्रसिद्ध कार्डियोलोजिस्ट डॉ अनुराग रावत ने कनखल के जगजीतपुर में एसआर मेडिसिटी हॉस्पिटल में न्यूज127 से विशेष बातचीत के दौरान बताई।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अनुराग रावत प्रत्येक रविवार की सुबह 9 बजे से 11 बजे तक एसआर मेडिसिटी हॉस्पिटल में हरिद्वार और आसपास के इलाकों के मरीजों को देखते है। दिल के मरीजों की सुविधा को देखते हुए उन्होंने हरिद्वार आना शुरू किया है। डॉ अनुराग रावत ने बताया कि बदलते मौसम में उत्तराखंड में हार्ट अटैक अधिक होते है। यह वक्त सावधानी रखने का है। ब्लड प्रेशर और शुगर की नियमित जांच कराए। छाती में दर्द या दबाब हो तो जांच कराए। सांस फूलना और अचानक पसीना खतरे का संकेत है। टीएमटी, कॉलेस्टाल की जांच कराए। हार्ट का टीटमेंट शुरू के तीन चार घंटे महत्वपूर्ण होते है। हार्ट के मरीज चिकित्सक के बिना कोई दवाई ना खाए। हार्ट अटैक का दर्द छाती से हाथ और जबड़े तक पहुंचता है। हार्ट अटैक दो प्रकार के होते है। ज्यादा दर्द जानलेवा साबित होते है। एंजोग्राफी के बाद अगर ब्लाकेज 70 फीसदी से अधिक है, उस स्थिति में ही स्टंट डाला जाता है। अन्यथा दवाई से ही ब्लाकेज को ठीक करने का प्रयास करते है। लंबे वक्त तक दवाई चलती है। उन्होंने बताया कि एक आयु के बाद हृदय की देखभाल करनी सबसे ज्यादा जरूरी है। दिल से सभी को प्यार करना चाहिए। इसके लिए आपको पैदल चलते रहना है। प्रतिदिन 20 से 45 मिनट पैदल चलने से आप अपने दिल की सही तरीके से देखभाल कर सकते है।