नवीन चौहान
कंट्रोलिंग पावर रखने के लिये विल पावर को बढ़ाना होगा। यदि हम व्यर्थ बोलते रहेंगे, व्यर्थ करते रहेंगे और व्यर्थ सोचते रहेंगे तब विल पॉवर को खो देंगे और विलपावर के अभाव में कंट्रोलिंग पॉवर में कमजोरी का अनुभव करते रहेंगे।
विल पावर का को बढ़ाने के लिये, अभी तक हमने जो कुछ भी किया है, उससे सम्बन्धित संकल्प, वाणी और कर्म को अपने ईष्ट को विल कर दे अथवा अपर्ण कर दे। इसके बाद आज से जो कुछ करेंगे उसे अपने और दूसरों के कल्याण हेतु कर्तव्य समझ कर करेंगे और सब कुछ अर्पण करते चलेंगे। जिसको अर्पण किया और जिसके प्रति अर्पण किया ,ऐसा अर्पण हमे स्वतः हमारे लिये दर्पण बन जाता है। अर्थात सब कुछ अर्पण करके स्वयं अपना दर्पण बन जाना है।
कंट्रोलिंग पॉवर का अर्थ है हम जब चाहे, जहाँ चाहे, जैसे चाहे वैसे ही अपने को स्थित कर लें। ऐसा न हो कि हम अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिये बैठे और हमारी स्थिति कमजोर और डगमग होती रहे। स्वयं और सर्व कल्याण की भावना से अर्पण के बाद हमारी कंट्रोलिंग पॉवर बढ़ जाती है। अपनी स्टेज और स्टेटस याद रखने की विधि ही, लक्ष्य की सिद्धि है। कन्ट्रोलिंग पॉवर लाने के लिये साधारण और महान के बीच अंतर को याद रखना होगा। साधारण और महान के बीच अंतर को याद रखने से बुद्धि स्वतः ही श्रेष्ठ की तरफ आकर्षित होगी। इसलिये पहले चेक करें, फिर अंतर करे और अंत मे कर्म करे। महान का अंतर याद रखना एक महामंत्र है । इस महामंत्र को याद रखने से बुद्धि का कनेक्शन सर्वोच्च शक्ति के पॉवर हाउस से जुड़ कर विल पावर पैदा कर देती है।
जब हम कोई श्रेष्ठ और ऊंची चीज के बारे में जान लेते है तब स्वतः ही साधारण चीजो से किनारा हो जाता है। सिम्पल रहकर सैम्पल बनाना है।सिम्पल केवल ड्रेस इत्यादि में नही बल्कि सभी बातों में सिम्पल रहकर सैम्पल बनना है। सिम्पल चीज यदि स्वच्छ हो तब सभी को आकर्षित करती है। यदि हम सिम्पल नही तब प्रॉब्लम बन जाते है, प्रॉब्लम के साथ हम कभी भी सिम्पल नही रह सकते है। सभी का सहयोग प्राप्त करने के लिये और सर्व का सहयोगी बनने के लिये सिम्पल बनना जरूरी है। जब हम स्वयं ही प्रॉब्लम बन जाते है, तभी प्रॉब्लम का भी अनुभव करते है। इसलिये चेक करें कि कही हम स्वयं तो प्रॉब्लम नही बन रहे है। जब हम अपने लिये और दूसरों के लिये प्रॉब्लम बन जाते है तब स्वयं समस्या बनने के कारण ,सेवा देने की जगह सेवा देने लगते है।
कन्ट्रोलिंग पॉवर और विल पॉवर बढ़ाने के अपने संकल्पो की चेकिंग करनी होती है। रात्रि का अंतिम थॉट, प्रातः काल अमृतबेला का पहला थॉट बनता है। इसलिये रात्रि में सोते समय अपनी स्थिति चेक कर ले। अपने संकल्पो ,कर्मो के हिसाब के खाते को क्लियर कर ले। रात में अपने रजिस्टर को साफ करके सोना चाहियें। जो भी हुवा उसे योग की अग्नि में भस्म करके फिर सोने जाए । आज के व्यर्थ संकल्प और कर्म कल लकीर या कर्ज के रूप में सामने आएगी। बीती सो बीती करके फूल स्टॉप लगा देना है। जब हम साइलेन्स की शक्ति से अपना रजिस्टर साफ कर लेते है तब विल पॉवर और कंट्रोलिंग पॉवर के लिए, हमें हिम्मत और मदद मिल जाते है।
साभार: मनोज श्रीवास्तव