गांव-गांव बन रहे पुस्तकालय, लक्ष्य-पढ़े युवा, बढ़े युवा




  • युवाओं की सफलता का आधार बन रहे मेरठ के 300 ग्रामीण पुस्तकालय
  • योगी सरकार का सपना, हर गांव का युवा हो शिक्षित

लोकेश, मेरठ। उत्तर प्रदेश का हर युवा शिक्षित हो। नई ऊंचाइयों को छुए और हर क्षेत्र में परचम लहराए, यह सपना है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार का। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार हर कोशिश कर रही है। वहीं मेरठ के गांवों में पुस्तकालय समृद्ध हों। इस पर भी काफी काम किया जा रहा है। हर गांव का युवा शिक्षित हो। पाठ्यक्रम के अलावा भी अन्य किताबों से वह देश-दुनिया, समाज, अध्यात्म, धर्म, खेल समेत सभी क्षेत्रों में ज्ञान से समृद्ध हो। इसका ध्यान दिया जा रहा है, इसलिए मेरठ में ग्रामीण पुस्तकालय बनाए जा रहे हैं।

मेरठ में बने 300 ग्रामीण पुस्तकालय
मेरठ के 300 गांवों में ग्रामीण पुस्तकालय बनाए गए हैं। यहां छात्र छात्राओं की जरूरत की पुस्तकें रखी गई हैं। इन पुस्तकालयों को काफी सुंदर और व्यवस्थित ढंग से बनाया गया है। यहां बैठकर सभी लोग पढ़ाई कर सकते हैं और देश-दुनिया के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं। करियर बनाने में यहां के पुस्तकालय काफी कारगर हो रहे हैं।

ग्राम पंचायतें कर रहीं देखरेख
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) शशांक चौधरी ने बताया कि योगी सरकार युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में समृद्ध करना चाहती है। इसलिए ग्रामीण पुस्तकालय से सभी ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया है। पुस्तकालय की जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायत को दी गई है, जिससे वे पुस्तकालय की देखरेख कर सकें और जरूरत पड़ने पर छात्रों की हरसंभव मदद कर सकें। उन्होंने बताया कि पुस्तकालयों के लिए 50से 100 रुपये न्यूनतम शुल्क भी रखा गया है, जिससे पढ़ने और जरूरतमंद छात्र ही यहां पहुंचें। इस पैसे को ग्राम पंचायत निधि के तहत दिया जाएगा, जिससे पुस्तकालयों का रखरखाव किया जाएगा। इस पैसे से समय-समय पर पुस्तकालयों को अपडेट किया जा सकेगा।

महिला और पुरुष के लिए अलग अलग होंगी शिफ्ट
पुस्तकालयों को दो शिफ्ट में चलाने की योजना बनाई गई है। एक शिफ्ट पुरुषों तो दूसरी शिफ्ट में महिलाओं के लिए पुस्तकालय का समय आरक्षित किया गया है। सीडीओ शशांक चौधरी ने कहा कि महिलाएं भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। ऐसे में गांवों में भी पुस्तकालय होने से महिलाओं को पढ़ने में काफी सहूलियत मिलने लगी है। वे गांवों में भी पढ़कर ज्ञान वृद्धि कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने और सफलता पाने में सक्षम हो रही हैं। सीडीओ ने बताया कि इन ग्रामीण पुस्तकालयों से पढ़कर कई बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले चुके हैं। कई बच्चों का अलग-अलग विभागों में चयन भी हो चुका है। ऐसे में यह ग्रामीण पुस्तकालय वरदान बन रहा है।



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