दो साल पहले जिनकी सेवा कर दी थी समाप्त उन्हें कुलपति ध्यानी ने दिया रोजगार का अवसर




नवीन चौहान.
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में 30 सितंबर 2019 को तत्कालीन कुलपति ने आउट सोर्स एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सेवा से विरत कर दिया था। इन सभी कर्मचारियों को वर्तमान कुलप​ति ने मानवता दिखाते हुए उन्हें रोजगार का अवसर प्रदान किया है।
जानकारी के अनुसार 30 सितंबर 2019 में तत्कालीन कुलपति ने पिछले 7-8 वर्षो से कार्य कर रहे आउटसोर्स और दैनिक वेतन भोगी 16 कर्मचारियों को सेवा से विरत कर दिया था। इन लोगों पर आरोप था कि इन्होंने ​हड़ताल और तालाबंदी की थी। तत्कालीन कुलपति द्वारा इन कर्मचारियों को सेवा से विरत कर देने पर इनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया था। इनकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी।
इन कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय में आकर वर्तमान कुलपति डा. ध्यानी से मुलाकात की और अपनी गलती स्वीकार करते हुए भविष्य में किसी तरह का अमर्यादित व्यवहार न करने का भरोसा दिया।जिसके बाद कुलपति डा. ध्यानी ने शासन से आउटसोर्स पदों के सृजन करने की मांग की ताकि इन्हें पुन: नियुक्ति प्रदान की जा सके। शासन में यह प्रकरण अभी लंबित है।
विश्वविद्यालय में मानव संसाधनों की अत्यंत कमी को देखते हुए कुलपति डा. ध्यानी ने कार्यपरिषद में दैनिक श्रमिक की दरों पर कार्मिकों को रखने का प्रस्ताव रखा जिसे कार्य परिषद ने सहर्ष ​स्वीकार किया।
आज विश्वविद्यालय द्वज्ञरा 16 कार्मिकों को जो पूर्व में विश्वविद्यालय में कार्यरत थे और उनकी सेवाएं समाप्त की जा चुकी थी उन्हें रोजगार देने का अवसर प्रदान किया। स्थानीय लोगों ने कुलपति डॉ ध्यानी की इस मानवीय पहल का स्वागत किया है।



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