डीएवी में वैदिक चेतना सम्मेलन, शिक्षा, संस्कार और संस्कृति का हुआ संगम, वेद ऋचाओं से गुंजायमान प्रांगण




नवीन चौहान
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में दो दिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन का शानदार तरीके से शुभारंभ हुआ। शिक्षा, संस्कार और संस्कृति का अनूठा संगम हुआ। वेदमंत्रों की ध्वनियों से विद्यालय प्रांगण गुंजायमान हो उठा। हवन यज्ञ की पवित्र सुंगध चहुंओर महक उठी। स्कूली बच्चों की सांस्कृति प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। राष्ट्र प्रेम की अलख जगी। नैतिक मूल्य व वैदिक चेतना जाग्रत हुई। स्कूली बच्चों को भौतिकता एवं पाश्चित्य संस्कृति से अध्यात्म एवं भारतीय संस्कृति की ओर मोड़ने की परपंरा का निर्वहन हुआ। मुख्यअतिथि रणबीर सिंह, मुख्य वक्ता डाॅ0 सुरेन्द्र शर्मा एवं उनकी पत्नी स्वामी नित्यानन्द जी, माता सत्यप्रिया जी विशेष रूप से कार्यक्रम में उपस्थित रही।

डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के प्रधान पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी जी की दूरदर्शी सोच के फलस्वरूप व उनके निर्देशों पर हरिद्वार के डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में वैदिक चेतना सम्मेलन की शुरूआत साल 2015 में हुई। तत्कालीन प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने हरिद्वार में पहली बार वैदिक चेतना सम्मेलन का शुरूआत की। लेकिन बीते दो सालों में कोरोना संक्रमण काल के चलते सम्मेलन कराना संभव नही हुआ। लेकिन एक बार फिर 9 नवंबर 2022 को डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में वैदिक चेतना सम्मेलन का शुभारंभ किया गया और स्कूली बच्चों को भारतीय संस्कृति परंपराओं से जोड़ने का प्रयास किया गया।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन व वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ हुई। आर्य समाज के प्रबुद्ध विद्वान मुख्य वक्ता सुरेंद्र कुमार व पूर्व प्रधानाचार्य व वर्तमान में रीजनल ऑफिसर/क्षेत्रीय अधिकारी के पद पर नियुक्त पीसी पुरोहित, कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल जी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर कियामुख्य अतिथियों के स्वागत सत्कार के बाद स्कूली बच्चों ने डीएवी गान के साथ कार्यक्रम का शानदार आगाज किया। बच्चों ने अतिथियों और अभिभावकों के सम्मान में स्वागत गीत की शानदार प्रस्तुति दी।

कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल ने कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत कर वैदिक चेतना सम्मेलन के आयोजन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि डीएवी स्कूल महर्षि दयानंद के पद चिन्हों पर अग्रसरित शिक्षण संस्थान है। जिसका उद्देश्य अंग्रेजी शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखना नैतिक मूल्य सिखाना तथा वैदिक चेतना जागृत करना है। महर्षि दयानंद के सपनों को साकार रूप देने वाली शिक्षा को जन जन तक पहुंचाने के लिए आर्य शिरोमणि प्रधान पद्मश्री डाॅ0 पूनम सूरी जी के दिशा निर्देशन में वैदिक चेतना सम्मेलन आयोजित किया जाता है। जिसका उददेश्य विद्यार्थियों में सांस्कृतिक, नैतिक, सामाजिक मूल्यों का विकास करना है। स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य व वर्तमान में रीजनल ऑफिसर/क्षेत्रीय अधिकारी के पद पर नियुक्त पीसी पुरोहित जी ने वैदिक चेतना सम्मेलन की अलख जगाई थी जो वर्तमान में अनवरत जारी है।

पूर्व प्रधानाचार्य पीसी पुरोहित जी ने अपने उदबोधन में कहा कि बच्चों को सही रास्ते पर लाने के लिए सतत प्रयास करने आवश्यक है। माता-पिता को बच्चों का रोल मॉडल बनना होगा। डिवोशन, डेडीकेशन, डिटरमिनेशन के माध्यम से बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सकता हैं। एक कैंडल को यदि जलाना है तो दूसरी कैंडल को स्वयं चलना पड़ता है।

मुख्य वक्ता सुरेंद्र कुमार ने वेदों के ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वेद का अर्थ ही ज्ञान है। वेद हमारे मूल ग्रंथ है। वेदों के कारण ही नारी उत्थान और शिक्षा पर जोर दिया गया। पाखंड व सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का कार्य वेदों के कारण ही संभव हो पाया। दलितों का उद्वार होना संभव हुआ तथा राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत हुई। वैदिक चेतना सम्मेलन के आयोजन का उददेश्य ही भौतिकता से परे आध्यात्मिक चेतना जाग्रत करना है। सच्चा इंसान बनकर देश सेवा करना है। सुरेंद्र शर्मा जी ने स्वामी दयानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेने को कहा। दयानंद जी के जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने वेद ज्ञान को महत्वपूर्ण बताया।

कार्यक्रम में सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी रणबीर सिंह, डीपीएस रानीपुर के प्रधानाचार्य डॉ अनुपम जग्गा, डीएवी देहरादून की प्रधानाचार्य शालिनी समाधिया, बीएमडीएवी की प्रधानाचार्य लीना भाटिया, एसएम पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य रमणीक शाह सूद, डीपीएस दौलतपुर की प्रधानाचार्या पूनम श्रीवास्तव, माउण्ट ज़ी लिटेरा के प्रधानाचार्य श्रीनिवास और श्रीराम विद्या मंदिर की बबीता श्रीनिवास व हरिद्वार के अन्य विद्यालयों के प्रधानाचार्य, एलएमसी मैम्बर्स, डाॅ0 हिमांशु त्यागी, डाॅ0 दिनेश सिंह, राजेन्द्र भाटिया एवं अभिभावकगण उपस्थित रहे।



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