उत्तराखण्ड के कैदियों को मिला नये साल का तोहफा, जेल के कैदी कर सकेंगे फोन पर परिजनों से बात




सोनी चौहान
उत्तराखण्ड के आईजी डॉ. पीवीके प्रसाद ने जेल के ​कैदियों को एक बडी राहत दी है। उत्तराखंड की सभी जेलों में आईजी ने जेल के ​कैदियों के लिए पीसीओ लगाने के दिए आदेश दिये है। उत्तराखण्ड आईजी की तरफ से यह कैदियों के लिए एक बड़ा तोहफा है। यह सुविधा नये साल यानि 1 जनवरी से शुरू कर दिया जायेंगा। इसके लिए आईजी ने सभी जेलरों को शासनादेश भेज दिया है।
उत्तराखण्ड की सभी जेलों के कैदियों को जल्द ही हाईटेक पीसीओ बूथ की सुविधा मिलेगी। इस बूथ का उपयोेग कैदी अपने वकील और परिजनों से बात करने के लिए कर सकता है। लेकिन इसके लिए कुछ शर्ते भी रखीं गई है।
कुछ कानूनी नियमों का करना होगा पालन
इस पीसीओ बूथ से कैदी सिर्फ दो नंबरों पर बात कर सकता है। जेलो लगाए जाने वाले फोन पर बात करने के लिए अलग से एक बूथ बनाया जाएगा। कैदी को जेल में अपने दो नंबरों का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। ये दोनों नंबर जेलर के पास रहेंगे। इन्हीं दो नंबरों पर बंदी बात कर पायेगा। और जो कैदी नंबर देग वे दोनों नंबर पोस्टपेड होने चाहिए। जेल के फोन से प्रीपेड नंबरों पर बात नहीं हो पाएगी। कैदी एक दिन में दो बार ही इन दो नंबरों पर परिजनों या अपने वकील से बात कर सकता है।
फोन कॉल की जायेंगी रिकार्डिंग
आईजी के आदेश से जो पीसीओ बूथ जेल में लगाये जायेंगे उनकी लगातार रिकार्डिंग की जायेंगी।
फोन से कैदी किससे और क्या बात कर रहा है, यह सबकुछ रिकार्ड किया जायेंगा। आईजी के द्वारा सख्त आर्डर दिये गये है कि सभी अधिकारियों के द्वारा कैदी पर पुरी नजर रखीं जाये। और फोन में कैदी द्वारा की जानी वाले सभी बातों की रिकार्डिंग की जायें। किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ होने पर कैदी बातें रिकार्डिंग के माध्यम से पुलिस को सुना दी जायेंगी। अगर कोई भी गड़बड़ी मिली तो कैदी और जिससे वह बात कर रहा होगा दोनों के खिलाफ शख्स कार्रवाई की जायेंगी।
कैदियों द्वार होगा भुगतान
कैदियों के लिए पीसीओ की सुविधा बीएसएनल की ओर से दी जाएगी। कॉल करने का पूरा खर्च कैदी खुद या उसके परिजनों को ही उठाना पडेंगा। कैदी द्वारा जेल में किया गया कार्य से जो मजदूरी मिलेगी कैदी उससे भुगतान करेंगा। कैदी के परिजनों के द्वारा कॉल के आधार पर एडवांस में जेल में यह रकम जमा करवानी होगी। इसके बाद ही कैदी पीसीओ का प्रयोग कर सकेगा।
अभी तक यह पीसीओ की सुविधा देहरादून की सुद्धोवाला जेल में ही शुरू की गई है। उत्तराखण्ड के बाकी जेलों में यह सुविधा देने के लिए आईजी डॉ पीवीके प्रसाद ने पिछले सप्ताह बैठक ली थी। इस बैठक में आईजी ने निर्देश दिए थें कि नए साल में यह सुविधा उत्तराखण्ड की हर जेल में लागू की जायें। उत्तराखण्ड की सभी जेलों में यह सुविधा नए साल में लागू करने के लिए सभी जेलरों को आईजी के द्वारा पत्र भेज दिया गया है। इस पीसीओ की सुविधा की तैयारियां शुरू कर दी गई है।



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