हिंदी फिल्म के नायक की तर्ज पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी





नवीन चौहान

नवीन चौहान
उत्तराखंड के नव नियुक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रसिद्ध हिंदी फिल्म नायक में हीरो का किरदार निभाने वाले अनिल कपूर की तर्ज पर जर्बदस्त शुरूआत कर रहे है। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही मुख्य सचिव ओमप्रकाश की छुट्टी कर दी। ईमानदार और तेज तर्रार छवि के 1988 बैंच के आईएएस एसएस संधू को प्रदेश के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंप दी। उत्तराखंड की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आईपीएस एसोसियेशन के साथ मीटिंग की गई। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को युवाओं को नशे की लत से दूर करने के लिए मादक पदार्थो की रोकथाम और तस्करों को जेल भेजने के आदेश दिए। पहली केबिनेट की बैठक में सात महत्वपूर्ण संकल्प और महत्वपूर्ण निर्णयों पर अपनी दूरदर्शिता दिखलाई। पलायन, बेरोजगारी, शिक्षा, चिकित्सा और सर्वागीण विकास को लेकर अपने मस्तिस्क की सोच को दर्शाया। पुष्कर सिंह धामी के मुख्यमंत्री बनने से भाजपा के युवा नेताओं में भी जर्बदस्त उत्साह का संचार हुआ है। युवा मुख्यमंत्री के फैसलों पर प्रदेश की जनता से लेकर तमाम बुजुर्ग नेताओं की नजर टिकी है। हालांकि संघ परिवार की एक निष्ठावान टीम पुष्कर सिंह धामी का मार्गदर्शन करेंगी। जिसने बलबूते ही उम्रदराज नेताओं को दरकिनार कर भाजपा हाईकमान ने युवा चेहरे को प्रदेश की कमान सौंपी है।
​प्रदेश में नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सत्ता की बागडोर थामते ही नौकरशाही में हलचल तेज है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की विदाई के बाद से ही अब जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के तबादलों की सूची का इंतजार हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आईएएस और आईपीएस अफसरों का फीड बैक ले रहे है। जिसके बाद जल्द ही नए जिलाधिकारियों और कप्तानों की सूची सामने आयेगी। देखना होगा कि ईमानदारी पैमाना होगा या सिफारिशों का दौर चलेगा। दोस्ती निभाई जायेगी या प्रदेश की जनता सर्वोपरि होगी।
खटीमा से दूसरी बार के विधायक पुष्कर सिंह धामी
एक मृदुभाषी और ऊर्जावान व्यक्तित्व के धनी है। भाजपा संगठन में युवाओं को जोड़ने का अभूतपूर्व कार्य उन्होंने किया है। संघ परिवार का आशीर्वाद मिला हुआ है और पूर्व मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सबसे प्रिय​ शिष्यों में से पुष्कर सिंह धामी एक है। यही कारण रहा कि तमाम दिग्गजों को पछाड़ते हुए पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी भाजपा हाईकमान ने सौंप दी।
पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री की कुर्सी उस वक्त मिली है जब उत्तराखंड में भाजपा मजबूत स्थिति में नही है। भाजपा के कैडर वोट को छोड़ दे तो साढ़े चार साल में दो मुख्यमंत्री बदलने से प्रदेश की जनता की नाराजगी भी बढ़ी है। कोरोना संक्रमण काल का दौर है। कोरोना की तीसरी लहर प्रतीक्षारत है।
ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए चुनौतियां बड़ी है। भाजपा संगठन को जोड़ना है और चुनाव के लिए तमाम संसाधनों की व्यवस्था करनी है। ईमानदारी और पारदर्शी सरकार चलाकर एक मैसेज भाजपा हाईकमान को देना है। पुष्कर सिंह धामी ने केबिनेट की बैठक के बाद जिस प्रकार अपना विजन दिखाया तो उनके इरादे भी जाहिर हो गए। जनता को अच्छे दिन आने की उम्मीद जगी है। कुमाऊं और गढ़वाल के बीच की खाई को पाटने में पुष्कर धामी कामयाब होंगे। जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत और भुवन चंद्र खंडूरी का आशीर्वाद लिया। केबिनेट में मंत्री सतपाल महाराज, विशन सिंह चुफाल, बंशीधर भगत, हरक सिंह रावत और सु​बोध उनियाल का साथ लिया। तथा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़े तो पुष्कर सिंह धामी में कुशल नेतृत्व की झलक पेश कर दी।
पुष्कर सिंह धामी ने साबित किया कि वह नायक है। इसी अंदाज में कार्य करेंगे। प्रदेश को कुछ नया कर दिखाना है तभी तो साल 2022 में भाजपा को सत्ता में लाना है। वरिष्ठ नेताओं आशीर्वाद बनाए रखना और केबिनेट साथ निभाना।
इन सभी के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पुष्कर सिंह धामी का कार्यकाल इतिहास रचित होगा। इसीलिए उनको अपने कानों को मजबूत रखना होगा। उनके सलाहकारों में विश्वासपात्रों को जगह मिले लेकिन विश्वासघात करने वालों के लिए कोई स्थान ना हो। इसीलिए सावधानी से चलना और प्रदेश की जनता के अनुरूप शासन देना।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *