नवीन चौहान.
आंतरिक परीक्षा में नंबर बढ़ाने की बात कहकर छात्र छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में कृषि यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नरेश प्रताप को निलंबित कर दिया गया है। कुलपति ने निलंबन की कार्रवाई कर बदायूं के उद्यानी अनुसंधान केंद्र से संबद्ध किया है।
बायोटैक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नरेश प्रताप पर कॉलेज में पढ़ने वाले 58 छात्र और 12 छात्राओं ने आंतरिक परीक्षा में अंक बढ़ाने के नाम पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे। स्टूडेंटस की शिकायत पर पहले उन्हें वार्डन के पद से हटाया गया था।
कुलपति ने पूरे मामले की जांच के लिए एक जांच कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद कुलपति ने आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नरेश प्रताप को निलंबित कर दिया है।
जांच कमेटी ने इस मामले में छात्र छात्राओं के बयान भी दर्ज किये थे। बयान लेने के बाद जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी थी। रिपोर्ट के आधार पर कुलपति ने डॉ नरेश प्रताप को निलंबित कर दिया।
असिस्टेंट प्रोफेसर के द्वारा स्टूडेंटस का यौन शोषण और उत्पीड़न किये जाने का मामला सामने आने से यूनिवर्सिटी की छवि पर दाग लगा है। आरोपी के इस कृत्य से यूनिवर्सिटी का अन्य स्टाफ भी शर्मसार हो रहा है।
बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल से भी की जा रही है। छात्रों का कहना है कि केवल निलंबन ही काफी नहीं है, आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर को नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए।