दो कांस्टेबलों ने मित्रता,सेवा और सुरक्षा को किया चरितार्थ




नवीन चौहान
इंसान का पहला गुण उसके भीतर छिपी मानवता का है। मानवता से परिपूर्ण व्यक्ति ही वास्तविक इंसान कहलाने का हकदार है। ऐसे में यदि वो इंसान किसी जिम्मेदारी के पद पर हो तो उसकी नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है कि वो मानवतापूर्ण कार्य करें। ऐसा ही मानवता का कार्य उत्तराखंड पुलिस के दो जवानों ने किया है। खाकी के दो जवानों ने मानवता दिखाते हुए एक पीड़ित परिवार को उसके घर तक पहुंचाया। वही इन जवानों ने उत्तराखंड पुलिस के मित्रता, सेवा और सुरक्षा के स्लोगन को चरितार्थ किया है।
कनखल थाने के जगजीतपुर चौकी में तैनात कांस्टेबल हसलवीर सिंह और हरीश पांडेय सुबह तीन बजे पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी दौरान एक व्यक्ति जगजीतपुर लक्सर राजमार्ग पर अपनी मां के साथ खड़ा था। व्यक्ति कुछ परेशान दिखाई पड़ रहा था। कांस्टेबल हसलवीर सिंह और हरीश पांडेय वहाँ से गुजर रहे थे। दोनों पुलिसकर्मियों ने इतनी रात को रुकने का कारण व समस्या पूछी। युवक ने अपना नाम धर्मेंद्र आर्य निवासी फेरुपुर हरिद्वार बताया। बताया कि हम लोग नैनीताल से वापस आ रहे हैं। सिंह द्वार के समीप कार का टायर पंचर हो गया। रात्रि में कोई मैकेनिक नही मिल रहा है और न जैक और पाना है। धर्मेंद्र व उनकी मां ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। मित्र पुलिस के दोनों जवानों ने उन्हें परेशान होता देख सांत्वना दी गई और चौकी जाकर जैक ,पाना लाये व उनकी कार का पहिया बदल कर सकुशल रवाना किया। पुलिस के इस मानवीय व्यवहार को देख धर्मेंद्र व उसकी मां ने सहृदय धन्यवाद​ दिया। इस पूरी घटना में उत्तराखंड पुलिस के मित्रता, सेवा और सुरक्षा के स्लोगन को चरितार्थ होता दिखाई दिया।



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