त्रिवेंद्र सिंह रावत भी हो सकते हैं प्रदेश में नई सरकार के मुख्यमंत्री, दिल्ली में सीएम के नामों पर हो रही चर्चा




नवीन चौहान.
प्रदेश में बहुमत के साथ भाजपा की जीत के बाद अब प्रदेश में सीएम की खोज भी शुरू हो गई है। चुनाव में जो सीएम चेहरा था वह पुष्कर सिंह धामी का चेहरा था लेकिन वह चुनाव हार गए हैं। अब उनके स्थान पर कौन सीएम पद का दावेदार है इसे लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं।

भाजपा की इस जीत में कहीं न कहीं त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के कार्य ही काम आए हैं। क्योंकि पुष्कर सिंह धामी को कुछ कर दिखाने का समय ही नहीं मिला। उन्होंने जो शिलान्यास किये वह पूर्व में त्रिवेंद्र सिंह रावत की ही योजनाएं थे। जो लोकार्पण किये उनकी नींव त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही रखी थी। कुछ ऐसे फैसले जो त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता के हित में लिए उनमें से कुछ पर पुष्कर सिंह धामी ने कदम पीछे खींच लिए।

अब जब पार्टी बहुमत के साथ प्रदेश में पुन: वापसी कर रही है तो अब एक ऐसे चेहरे की तलाश शुरू हो गई है जो प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी को प्रदेश में और अधिक मजबूत हो। जिस तरह से धामी अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे उसके चलते पार्टी शायद ही उन पर फिर से दांव खेलना चाहेगा। ऐसे में अब एक नाम मदन कौशिक का सामने है तो दूसरा मजबूत नाम पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो दिल्ली में एक बार फिर से प्रदेश में सीएम के लिए त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम चर्चा में आया है। जिस तरह से पूरे चार साल तक त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार मुक्त शासन किया वह पार्टी हाईकमान से छिपा नहीं है। उनके कार्यकाल में कोई घोटाला सामने नहीं आया। इस चुनाव में भी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कई सीटों पर प्रत्याशी को जिताने के लिए अपना पूरा योगदान दिया।

इन्हीें सब कार्यों की बदौलत अब त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम फिर से चर्चा में आया है। अब देखना यही है कि पार्टी हाईकमान उन्हें एक बार फिर से प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाते है या फिर कोई नया चेहरा सामने लेकर आते हैं।



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