कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चौधरी समेत तीन पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज





नवीन चौहान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व पालिकाध्यक्ष प्रदीप चौधरी, मदन लाल साहू व पवन अग्रवाल पर रामलीली रंगमंच समिति के कोष का दुरूपयोग करने के आरोप में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। रंगमंच कलाकार, समाजसेवी व भाजपा नेता भोला शर्मा की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने तमाम जांच करने के बाद मुकदमा पंजीेकृत करने के बाद विवेचना शुरू कर दी है। इस प्रकरण की शिकायत रंगमंच कलाकार भोला शर्मा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर, मुख्यमंत्री व तमाम पुलिस अधिकारियों को की थी। पुलिस अधिकारियों की जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने के बाद मुकदमा दर्ज किया है।
रामलीला में भगवान शिव का किरदार​ निभाने वाले भोला शर्मा पुत्र श्री विष्णु शर्मा निवासी निरंजनी अखाड़ा रोड मायापुर हरिद्वार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर बताया कि रामलीला रंगमंच समिति रजिस्टर्ड मायापुर हरिद्वार के पदाधिकारियों ने संस्था में गड़बड़ी तथा धोखाधड़ी की है।
तहरीर में बताया कि रामलीला रंगमंच समिति रजिस्टर्ड मायापुर हरिद्वार का रजिस्ट्रेशन वर्ष 1990 में हुआ था। संस्था के रजिस्ट्रेशन का अंतिम वर्ष 2013 में नवीनीकरण हुआ था वर्ष 2013 तक संस्था के अध्यक्ष प्रदीप चौधरी थे। सदन लाल साहू मंत्री थे। वर्ष 2013 के बाद संस्था का ना तो कोई नवीनीकरण हुआ है और ना ही कभी संस्था के पदाधिकारियों का चुनाव हुआ है। जबकि उसमें लिखा हुआ है कि प्रत्येक 3 वर्ष में आम सहमति से समिति के चुनाव होंगे। नए पदाधिकारी चुने जाएंगे। वर्ष 1993 से संस्था में कोई चुनाव नहीं हुए हैं जो पदाधिकारी वर्ष 1993 में थे वही पदाधिकारी पत्रों में दर्द चले आते हैंं। उपरोक्त पदाधिकारियों ने बिना किसी चुनाव के आपस में पद बदल लिए गए हैं। वर्तमान में प्रदीप चौधरी को मुख्य संरक्षक दर्शाया गया है। जबकि अध्यक्ष पवन कुमार अग्रवाल को दिखाया गया है। जो कि सरासर गलत है और संस्था के बायलॉज के विरूद्ध है। पवन कुमार अग्रवाल को संस्था का अध्यक्ष बताया जा रहा है जो कि संस्था के साथ धोखाधड़ी है। संस्था को बदनाम किया जा रहा है। संस्था के पदाधिकारियों ने वर्ष 2013 से समिति में कोई हिसाब किताब नहीं दिया गया है। उन्होंने संस्था की दो रसीद बुक छपवा रखी है। जिसमें एक रसीद को संस्था में दिखा देते हैं। और दूसरी रसीद फर्जी पकड़ा देते हैं। संस्था को रामलीला में कितना दान प्राप्त हुआ कितना खर्च हुआ कहां हुआ कैसे हुआ कोई हिसाब-किताब संस्था को नहीं दिया जा रहा है। सारे पैसे उक्त अध्यक्ष, मुख्य संरक्षक, व मंत्री आदि पदाधिकारी हड़प रहे हैं। संस्था के बाइलॉज में लिखा गया है कि रामलीला की भूमि में किसी प्रकार का कोई व्यवसायिक कार्य या व्यक्तिगत प्रयोग में नहीं लाई जाएगी परंतु उक्त पदाधिकारियों ने रामलीला की भूमि पर अपनी मर्जी से शादी के लिए किराए पर दिया जा रहा है। और किराया भी हड़प लिया जाता है। किराए का कोई हिसाब-किताब संस्था को नहीं देते हैं। क्योंकि बाइलॉज में लिखा है कि संपत्ति का व्यवसायिक प्रयोग नहीं होगा इसलिए उक्त लोगों के द्वारा बायलॉज का उल्लंघन किया जा रहा है। संस्था को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उक्त लोगों ने अपनी अपनी गाड़ियां में अपने लोगों के टैक्सी वाहन रामलीला भूमि पर खड़ी कराई जाती हैं। रामलीला मैदान को टैक्सी स्टैंड बना रखा है। इसके अलावा रामलीला की भूमि में एक शीशम का पेड़ वर्ष 2012 तक खड़ा था। संस्था के पदाधिकारियों ने उक्त शीशम के पेड़ को कटवा दिया गया है। उसका जो पैसा मिलना था वह स्वयं रख लिया गया है। उसका कोई हिसाब किताब भी नहीं दिया गया और वन विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई थी। वर्तमान में संस्था की संपत्ति में से एक कमरे में उक्त पदाधिकारियों ने कालू वह हंसों को किराए पर कमरा दिया हुआ है। सोनू नाम के व्यक्ति को भी कमरा किराए पर दिया हुआ है। जिनका कोई हिसाब किताब नहीं है। सोनू जो कि नगर कोतवाली हरिद्वार से शराब सट्टे के केस में कई बार जेल जा चुका है। संस्था के पदाधिकारियों के द्वारा वर्ष 2004 में रामलीला भवन के अंदर एक कमरे का निर्माण किया है। उसमें हुए कोई खर्चे का हिसाब किताब नहीं दिया है। संस्था के मुख्य संरक्षक प्रदीप चौधरी जो कि पत्रों में अध्यक्ष के द्वारा आज भी अपने 70000 संस्था की ओर बकाया बताए जा रहे हैं। जबकि 2004 से लेकर 2021 तक रामलीला मैदान में जितने भी वादी पार्टी हुए हैं। उन सबका इन लोगों से आपस में बैठकर संस्था में गबन किया गया है। मैदान के मुख्य गेट पर लिखा हुआ है कि बिना महामंत्री व अध्यक्ष की अनुमति के अंदर जाना निषेध है। उक्त संस्था के पदाधिकारियों ने संस्था को अपने घर की खेती समझ कर उसका संचालन किया जा रहा है। संस्था में पूरी तरह से गमन कर रखा है और संस्था की आड़ में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम जी के नाम पर पैसा खा रहे हैं उक्त तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस विवेचना कर रही है। बताते चले कि उक्त प्रकरण की जांच कराने के लिए रंगमंच कलाकार भोला शर्मा ने अधिकारियों के कार्यालयों में काफी दौड़ लगाई है। फिलहाल वह इस प्रकरण में न्याय की उम्मीद लगाए हुए है।



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