पीएम मुद्रा लोन योजना का लाभ देने के नाम पर ठगी करने वाले तीन गिरफ्तार




नवीन चौहान.
एसटीएफ की टीम ने छापा मारकर प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना को लेकर धोखाधड़ी करने वाले तीन ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत लोन देने का लोगों को झांसा दे रहे थे। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से एक लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, 06 पास बुक, 04 सिम कार्ड इत्यादि समान बरामद हुआ है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि 4–2–2023 को एसटीएफ को सूचना मिली कि सहस्रधारा रोड में अमित विहार कॉलोनी के एक मकान में कुछ युवक व युवतियां प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के बारे में लोगों को फोन पर योजना का लाभ देकर लोन लेने के लिए कह रहे हैं तथा उनसे इंश्योरेंस के तौर पर 2000 एवं रिफंडेबल के रूप में आरटीजीएस के तहत 5000 से लेकर 10,000 तक की मांग कर रहे हैं। जिसके लिए क्यूआर कोड को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज कर लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं।

सूचना की तस्दीक करने के बाद एसटीएफ की टीम द्वारा उक्त पते पर छापा मारकर मौके से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिनके कब्जे से एक लैपटॉप 13 मोबाइल फोन, 6 पासबुक, 4 सिम कार्ड व अन्य सामान बरामद किया गया है।

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों के नाम निशात शर्मा पुत्र विनोद शर्मा निवासी एच 111 कुंवर सिंह नगर, नागलोई, दिल्ली, टुनटुन कुमार पुत्र रविंद्र राम निवासी ग्राम बिरजूमिल्की थाना हरनौत नालंदा बिहार, मेघा शर्मा पुत्री राहुल शर्मा निवासी सुल्तानपुरी नागलोई दिल्ली हैं।

पुलिस के मुताबिक आरोपी सबसे पहले फेसबुक में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना तथा मुद्रा लोन के बारे में विज्ञापन को अपलोड करते हैं और फिर फर्जी नंबर से लोगों को कॉल की जाती थी। जिन लोगों को लोन की जरूरत होती वे लोग इन नंबरों पर बात करते थे और अभियुक्तगण लोन लेने के इच्छुक व्यक्ति से उसका आधार कार्ड, बैंक डिटेल और छोटी मोटी संपत्ति की जानकारी मांगते थे। जब लोगों को यकीन हो जाता था कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लोन मिल जाएगा तो फिर अभियुक्तगणों द्वारा उनसे प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस के नाम पर पहले 2000 लिए जाते फिर उन्हें मैसेज किया जाता कि आपका लोन स्वीकृत हो चुका है, लोन की किस्त की देने की एवज में उन लोगों से 5200 रुपए से लेकर 10200 रुपए तक रिफंडेबल पेमेंट बताकर फर्जी मोबाईल नंबरों के व्हाट्सएप से क्यूआर कोड भेज कर धोखाधड़ी की जाती थी।

फिर लोन लेने वाले को बताते थे कि रिफंडेबल पैसे 45 दिन बाद वापस हो जाएंगे। फिर कुछ समय बाद अपने नंबर बदल देते थे। धोखाधड़ी से प्राप्त की जाने वाली धनराशि के लिए इनके द्वारा कुछ गरीब लोगों को पैसे का लालच देकर उनसे फर्जी खाते खुलवाए गए तथा उन खातों की एटीएम और पासबुक अपने पास रख लिया गया। जब उन खातों में किसी व्यक्ति के साथ इनके द्वारा धोखाधड़ी कर रकम ली जाती थी तो ये उन खातों को बंद कर देते थे। इनके द्वारा जरूरतमंद लोगों से 5000 रुपए से लेकर 10000 रुपए में खाते खुलवाए उन खातों के माध्यम से कई लोगों से धोखाधड़ी की गई है, जिसकी आगे जांच की जा रही है।

संपूर्ण कार्यवाही एव अभियुक्तों की गिरफ्तारी एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र पंत के नेतृत्व में निरीक्षक प्रदीप राणा की टीम के द्वारा की गई है।



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