बीजेपी का विधायक मंत्री ना बन सका तो महामंडलेश्वर की तैयारी, अब विवाद, देखें वीडियो




नवीन चौहान.
विधि का विधान है जो तय होता है वही होता है, यह कहना है ​कि भाजपा के ज्वालापुर सीट से विधायक सुरेश राठौड का। विधायक को उम्मीद थी कि इस बार मंत्री मंडल में उन्हें जगह मिलेगी लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। मंत्री बनकर सामाजिक सेवा करना चाह रहे ये विधायक जी अब कुंभ में महामंडलेश्वर बनकर धर्म सेवा करेंगे। हालांकि उनके महामंडलेश्वर बनने को लेकर विवाद छिड़ गया है। कई संतों ने उनका विरोध किया है। निरंजनी अखाड़ा भी महामंडलेश्वर बनाने के निर्णय से कदम पीछे हटाने लगा है। देखना होगा कि विधायक जी की इच्छा पूरी होगी या उनकी हसरते अधूरी रहेगी।इस संबंध में news127.com से उनकी खास बातचीत हुई। जानिए उन्होंने क्या कहा।

हरिद्वार जनपद की ज्वालापुर सीट से साल 2017 में भाजपा के टिकट पर विधायक चुनकर आए सुरेश राठौर रविदासाचार्य भी है। वह कथावाचक बनकर प्रवचन देते रहे है। बीते दिनों भाजपा की त्रिवेंद्र सरकार में बड़ी उथल पुथल मची। विधायकों की नाराजगी नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मुखर हुई। तभी से विधायक सुरेश राठौर के मन में मंत्री बनने की ​प्रबल इच्छा हलौरे मारने लगी। लेकिन हाईकमान ने त्रिवेंद्र सिंह को बदलकर नया मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को बनाया। लेकिन मंत्रीमंडल में सुरेश राठौर को कोई स्थान नही मिल पाया।

विधायक सुरेश राठौड ने news127.com से हुई बातचीत में जब उनसे पूछा गया कि वह मंत्री बनना चाहते थे लेकिन वह महामंडलेश्वर बन रहे तो उन्होंने जवाब दिया कि यह सब विधि का विधान है, जो तय होता है वही होता है। मैं मंत्री बन कर समाज की सेवा करना चाहता था लेकिन मंत्री नहीं बन सका तो क्या हुआ अब महामंडलेश्वर बनकर धर्म सेवा करूंगा। धर्म सेवा के लिए महामंडलेश्वर की उपाधि मेरे लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि 3 अप्रैल को एक बड़ा कार्यक्रम होने वाला है। उन्हें निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर की उपाधि देने वाला है। अखाड़ा परिषद की ओर से उन्हें यह प्रस्ताव आया था जिसे मैं अस्वीकार नहीं कर सका। पिछले एक साल से इस संबंध में चर्चा चल रही थी। हम चाहते हैं कि सनातन धर्म आगे बढ़े, धर्मांतरण रूक सके, इसके लिए वह धर्म सेवा करते रहेंगे।


प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विधायक सुरेश राठौर ने कहा कि यह केंद्रीय नेतृत्व और संगठन का फैसला है। हो सकता है कि संगठन ने उनका उपयोग किसी और बड़ी जिम्मेदारी के लिए सोच रखा हो। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में विकास के बहुत कार्य हुए हैं, उन्होंने विकास के कई आयाम बनाए है। प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है, कुल मिलाकर त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल संतोषजनक रहा है। विधायकों की नाराजगी के सवाल पर कहा कि नाराजगी हो जाती है लेकिन यह सामान्य बात है, आपसी वार्ता से नाराजगी दूर भी हो जाती है, सीएम को बदलना यह केंद्रीय नेतृत्व का ही फैसला है। कुल मिलाकर वह नेतृत्व परिवर्तन के सवालों से कि​नारा करते नजर आए। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विकास कार्यो से इंकार नही कर सके। त्रिवेंद्र सिंह ने उत्तराखंड में असीमित विकास कार्य कराए। जिनका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को मिल रहा है।।
योगी मोदी का अनुसरण करता हूं

विधायक सुरेश राठौर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि योगी जी और मोदी जी उनके आदर्श है, जिस तरह से योगी की अपने संत समाज की सभी परम्परााओं का निर्वहन कर प्रदेश सरकार चला रहे है और तपस्वी प्रधानमंत्री देश को उन्नति के पथ पर ले जा रहे हैं, ठीक उसी प्रकार वह उनका अनुसरण करते हुए समाज और धर्म दोनों के लिए कार्य करता हुआ सेवा करता रहूंगा।



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