नवीन चौहान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का आहृवान समस्त देशवासियों से किया। हर घर तिरंगा, घर—घर तिरंगा लगाने की अपील की गई। भारत माता की आन, वान और शान की पहचान तिरंगा सभी स्कूलों और घरों तक पहुंच गया। जिसका सीधा असर भारत का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों के मस्तिष्क पर पड़ा। बच्चों में तिरंगे को लेकर जबरदस्त उत्साह और क्रेज दिखाई दिया। बच्चों में तिरंगे के प्रति आदर और सम्मान की झलक डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में दिखाई दी। जहां छोटे—छोटे बच्चे भी तिरंगे को दिल से लगाकर और सिर के ऊपर लहराते दिखाई दिए। बच्चों में राष्ट्र के प्रति लगाव की यह भावना भारत के सुनहरे भविष्य का संकेत है। जो भारत को एक बार फिर विश्व गुरू बनने के सपने को साकार करेगा।
महात्मा हंसराज जी संस्था डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली समूचे भारत में शिक्षा का अलख जगा रही है। इसी संस्था के तत्वाधान में संचालित हरिद्वार का डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर भी शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी है। स्कूल में शिक्षा के साथ—साथ भारतीय संस्कृति और संस्कारों का ज्ञान बच्चों को दिया जाता है। बच्चों को अक्षरज्ञान के साथ ही राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत करने का कार्य शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में जब बात स्वतंत्रता दिवस पर्व की हो तो स्कूल के समस्त शिक्षक—शिक्षिकाएं अपने सर्वस्व ज्ञान का भंडार बच्चों में देशभक्ति का जोश भरने में लगा देते है। 15 अगस्त 2022 को स्कूल परिसर में आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों में बच्चों में अपने शहीदोेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे के प्रति सम्मान और तिरंगे के प्रति आदर का भाव साफ दिखाई दिया। स्कूली बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम को देशभक्ति से सराबोर किया। मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, शिक्षक, शिक्षिकाओं और अभिभावकों को भी रोमांचित कर दिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए नित्यानन्द स्वामी जी भी बच्चों की देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुतियों को देखकर भाव विभोर दिखे। स्वामी नित्यानंद जी ने अपने संबोधन में स्कूली बच्चों के कार्यक्रम की सराहना के साथ उनको देशभक्तों की जीवनियों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शहीदे आजम भगत सिंह भी डीएवी के छात्र रहे है। देश में कोई दूसरा शहीदे आजम नही है। ऐसे ही डीएवी स्कूलों की स्थापना के पीछे महात्मा हंसराज जी का मकसद राष्ट्रभक्त तैयार करना था। जो आजादी के बाद देश को सिरमौर बनाये। इसी कार्य को आप सभी को पूरी लगन व निष्ठा के साथ करना है। देश के महापुरूषों की जीवनियां पढ़कर उनसे प्रेरणा हासिल करे और भारत के शहीदों को नमन करे। एक सच्चे राष्ट्रभक्त बनकर देश की सेवा करें। स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल, समस्त शिक्षक, शिक्षिकाओं का अथक परिश्रम व स्कूल प्रबंधन समिति के सहयोग रहा।