नवीन चौहान.
जब भी कुम्भ मेलों में शाही स्नान पर्वों का जिक्र किया जाता है तो मस्तिष्क में लाखों-करोड़ों की भीड़, अखाड़ों के शाही वैभव वाले विशालकाय जुलूस और अपार जनसमूह का चित्रण होने लगता है। लेकिन कुम्भ मेला 2021 के अंतिम स्नान ने शाही स्नानों से जुड़ी तस्वीर को ही बदल डाला है।
कुम्भ मेला 2021 का चौथा एवं अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा 27 अप्रैल को सम्पन्न हुआ। आज हुआ अंतिम शाही स्नान पर्व कुम्भ मेले के इतिहास में दर्ज किया जाने वाला अपनी तरह का अनूठा और उदाहरण प्रस्तुत करने वाला पर्व रहा।
प्रधानमंत्री भारत सरकार के द्वारा अंतिम शाही स्नान को प्रतीकात्मक रूप से करने की अपील को और कोरोना की देशव्यापी दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए आज अंतिम शाही स्नान में सभी अखाड़ों के द्वारा उदाहरण पेश करते हुए अपने लाव-लश्कर के संख्या बल को बेहद कम कर दिया गया। शाही स्नान के दौरान इतनी कम संख्या में साधु, संतों और नागाओं के आने की किसी न कल्पना भी नही की होगी। स्नान के दौरान सोशल डिस्टनसिंग और मास्क के अनुशासन का इतना ध्यान रखा गया कि उदाहरण दिया जा सके।
कोरोना के देशव्यापी संक्रमण के कुप्रभाव का असर कुम्भ मेले में आने वाले आम श्रद्धालुओं की आवक पर भी दिखाई दिया और अखाड़ो के साधु, सन्तों, नागाओं सहित सम्पूर्ण कुम्भ मेला क्षेत्र में लगभग 25 हजार के लगभग स्नानार्थियों के द्वारा पवित्र स्नान किया गया।
कुम्भ मेला 2021 के अंतिम शाही स्नान पर्व चैत्र पूर्णिमा एवं सम्पूर्ण कुम्भ के सफल, सकुशल और सुव्यवस्थित आयोजन के लिये जगद्गुरु सार्वभौम श्री रामभद्राचार्य जी महाराज, बैरागी अखाड़ा के द्वारा माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार, उत्तराखंड सरकार, मेला पुलिस और प्रशासन को आशीर्वाद और बधाई दी गई। कुम्भ मेला 2021 के सकुशल, निर्विघ्न और सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो जाने के बाद मेला पुलिस के सभी अधिकारी और जवानों के मध्य एक दूसरे को बधाई का सिलसिला शुरू हो गया।
आईजी कुम्भ संजय गुंज्याल, मेलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी कुम्भ जन्मजेय खंडूरी और पुलिस-प्रशासन के अन्य उच्चाधिकारियों के द्वारा समस्त कुम्भ मेला पुलिस को इस अवसर बधाई और शुभकामनाएं दी गई। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए कुम्भ समापन के बाद हर बार होने वाले कुम्भ पुलिस के शाही स्नान को स्थगित कर दिया गया और उसके स्थान पर आज ही समय 5 बजे हर की पैड़ी एवम मालवीय द्वीप पर प्रतीकात्मक रूप से पुलिस के शाही का कार्यक्रम रखा गया, जिसमे सोशल डिस्टनसिंग और मास्क के अनुशासन का पालन करते हुए मेला पुलिस ने प्रतीकात्मक शाही स्नान किया।
आज के शाही स्नान में सभी अखाड़ो की और से स्नान करने वाले साधु, सन्तों और नागाओं की अनुमानित संख्या इस प्रकार रही:-
- निरंजनी और आनन्द में समिल्लित रूप से लगभग 75 से 85
- जुना, अग्नि और आवाहन अखाड़े में समिल्लित रूप से लगभग 250
- महानिर्वाणी और अटल में सम्मिलित रूप से लगभग 70-80
- बैरागियों के निर्मोही, निर्वाणी और दिगम्बर में सम्मिलित रूप से लगभग 500 से 600
- बड़ा उदासीन में लगभग 130 और नया उदासीन में लगभग 100
- निर्मल में लगभग 100