जिलाधिकारी सी रविशंकर की दैनिक दिनचर्या सुनकर प्रभावित हो उठे बड़ी—बड़ी कंपनियों के मालिक





नवीन चौहान
जिलाधिकारी सी रविशंकर की दैनिक दिनचर्या को सुनकर बड़ी—बड़ी कंपनियों के मालिक और मैनेजर प्रभावित हो उठे। जिलाधिकारी ने भी बड़ी सहजता से अपनी कार्यशैली को बताया। उन्होंने बताया कि जनता की सेवा करना ही उनका प्रथम कार्य है। कार्य ईमानदारी से पूरा हो जाए तो आत्मिक संतुष्टि मिलती है। कोरोना संक्रमण काल में विभिन्न चुनौतियां मिली तो आप जैसे दानवारों का सहयोग भी मिला। जिसके चलते जिला प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को पूरा करने में काफी हद तक सफल रहा।
एक कर्तव्यनिष्ठ जिलाधिकारी की सरलता और सहज व्यक्तित्व से प्रभावित हरिद्वार के सिडकुल एसोसियेशन के पदाधिकारियों ने आखिरकार उनकी दिनचर्या तथा आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में कार्य करने के तरीके के अनुभव को जानकर अपनी जिज्ञासा को शांत किया।
जी हां जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बृहस्पतिवार को जिला प्रशासन, हरिद्वार द्वारा आयोजित फेस बुक लाइव के माध्यम से ’’चैंपियन ऑफ चेंज’’ कार्यक्रम आयोजित किया। जिलाधिकारी ने कहा कि लगभग डेढ़ साल की अवधि में कोविड की चुनौती चली आ रही है। ऐसे में कोविड के नियमों का पालन करते हुये उद्योगों का संचालन अपने आप में एक चुनौती है, क्योंकि इन उद्योगों से दो लाख से अधिक कामगार जुड़े हुये हैं तथा इन उद्योगों से उत्पादित माल पूरे देश में किसी न किसी रूप में पहुंचता है।
जिलाधिकारी ने ’’चैंपियन ऑफ चेंज’’
कार्यक्रम में जनपद के औद्योगिक घरानों-हीरो मोटोकार्प, महिन्द्रा, आईटीसी, विप्रो, एकम्स, गोदरेज, रिलेक्सो, टीसीपीएल, हिन्दुस्तान यूनीलीवर, लोटस, एक्साइड, एवरेडी, इण्डो एशियन आदि का जिक्र करते हुये कहा कि इन्होंने जब जहां पर जैसी आवश्यकता हुई, उसके अनुसार अपना सहयोग आपदा के समय दिया है, जिसे वरदान की संज्ञा दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी इनका महत्वपूर्ण योगदान है। कई स्कूलों को इन्होंने अंगीकार किया है। कोविड कफ्र्यू के समय जिन लोगों का रोजगार छिन गया था, उस समय इन्होंने ऐसे लोंगों की मदद के लिये एक पोर्टल संचालित किया, जिसमें पंजीकरण कराने पर योग्यता के अनुसार ऐसे लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया गया। उन्होंने कहा कि चुनौती के समय प्रशासन के द्वारा सहयोग की अपेक्षा करने पर इन घरानों द्वारा तुरन्त सकारात्मक सहयोग देने से तात्कालिक उत्पन्न तनाव काफी कम हो जाता है। मैं इन्हें चैंपियन ऑफ चेंज के रूप में देखता है।
फेसबुक लाइव के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित ’’चैंपियन ऑफ चेंज’’ अरूण सारस्वत, प्रेसीडेंट, सिडकुल इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन ने बोलते हुये कहा कि सिडकुल में जितने भी उद्योग हैं, वे मानवीय कार्यों के लिये हमेशा बढ़-चढ़कर सहयोग करते हैं। सिडकुल इण्डस्ट्रिल एसोसिएशन प्रत्येक प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकार व प्रशासन का भरपूर सहयोग करता रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी आवश्यकता पड़ती है हम सरकार व प्रशासन की मदइद के लिये तत्पर रहते हैं।
अरूण सारस्वत ने कहा कि महामारी के समय हमने निःशुल्क भोजन, ड्राई राशन, साबुन, सेनेटाइजर, मास्क, उपकरण आदि का वितरण करवाया। अस्पतालों में बेड तथा एम्बुलेंस उपलब्ध कराये। विषम परिस्थिति में फंसे लोगों के सन्देश मिलने पर घर-घर जाकर मुफ्त में उन्हें दवाइयां उपलब्ध कराई गयी। उन्होंने कहा कि अब तीसरी लहर की बात कही जा रही है, जिसके लिये हम पूर्व से ही तैयारी कर रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी सी रविशंकर ने एसोसिएशन की प्रशंसा करते हुये कहा कि जनहित के कार्यों को देखकर भी लोगों को प्रेरणा मिलती है। ऐसे में कुछ लोग भले ही सामने न आयें, लेकिन वे पीछे से अपना पूरा सहयोग देते है। ऐसे लोगों को हम नमन करते हैं।
’’चैंपियन ऑफ चेंज’’ कार्यक्रम में अतिथि के रूप में हरेंद्र गर्ग ने कहा कि कि संकट के समय मदद करना हमारी परम्परा रही है। चाहे वह केदारनाथ की आपदा हो या कोविड की महामारी हमने हर मौके पर मदद की है। इस सहायता में छोटे उद्योगों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने आपदा की चुनौती के समय जिलाधिकारी सी रविशंकर द्वारा दिये गये सहयोग की भूरि-भूरी प्रशंसा की।
लाॅक डाउन के समय की चुनौतियों का जिक्र करते हुये हरेंद्र गर्ग ने कहा कि ऐसे में फंसे हुये ट्रांसपोर्टरों के लिये भोजन की व्यवस्था, कामगारों को वेतन, होम आइसोलेशन में रहने वाले जरूरतमन्दों तक पका-पकाया भोजन पहुंचाना, पांच हजार राशन के किट रेट-टू-रेट लोगों तक पहुंचाना आदि चुनौतियों का सभी के सहयोग से अच्छी तरह सामना किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी भावना सरकार के साथ सहयोग करने की है।
जिलाधिकारी ने ’’चैंपियन ऑफ चेंज’’ कार्यक्रम में फार्मा एसोसिएशन का जिक्र करते हुये कहा कि प्रशासन को एसोसिएशन की ओर से हर समय पूरी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि अम्बुजा ने भगवानपुर में सहयोग दिया है, आईटीसी ने भी काफी सहयोग दिया है तथा बाबा बर्फानी अस्पताल को 430 बेड इण्डस्ट्रीज की ओर से मिले हैं।
सी रविशंकर ने कहा कि उद्योग व सरकार के आपसी समन्वय से ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिये कि तकनीकी संस्थानों में अध्ययनरत जो छात्र हैं, उनका पाठ्यक्रम इस तरह का हो कि वह उद्योगों की तकनीक से जुड़ा हो, ताकि इन संस्थानों से अध्ययन पूरा करने के बाद वे सीधे उद्योगों से जुड़ सकें और उन्हें रोजगार प्राप्त करने में आसानी हो। इस तरह योजना बनाने से कौशल विकास में उद्योगों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
इस मौके पर आमंत्रित अतिथियों ने जिलाधिकारी सी रविशंकर से उनकी दिनचर्या तथा आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में भी जिज्ञासा भरे प्रश्न पूछे, जिनको उन्होंने बड़े ही सहज व सरल ढंग व्यक्त किया। सी रविशंकर ने टोकन ऑफ रिस्पेक्ट के रूप में अतिथि- अरूण सारस्वत, प्रेसीडेंट, सिडकुल इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन एवं हरेन्दर गर्ग, प्रेसीडेंट, सिडकुल मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन आॅफ उत्तराखण्ड को हरकीपैड़ी की तस्वीर व अपने हस्ताक्षर से युक्त मग भेंट किया।
इस अवसर पर आरएम सिडकुल गणपति सिंह रावत, मुख्य उद्यान अधिकारी, नरेन्द्र यादव, महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र सुश्री पल्लवी गुप्ता सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।



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