इकलौते चिराग थे चारों अपने घर के, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़




नवीन चौहान
रेल पटरी पर हादसे का शिकार हुए चारों युवक अपने अपने घरों के इकलौते चिराग थे। इन चारों की दुखद दर्दनाक मौत से जहां पूरे गांव में मातम पसरा है वहीं परिवार में कोहराम मचा है। लोग यही कहते दिखे कि चारों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान विशाल, मयूर प्रवीण और गोलू के रूप में हुई है. विशाल, मयूर और प्रवीण एक परिवार के सदस्य हैं. जबकि गोलू उनका मित्र हैं. बतया जा रहा है कि विशाल हरिद्वार नगर निगम में कर्मचारी है। मयूर MBA कर चुका था। जबकि प्रवीण स्नातक कर चुका था। गोलू अभी स्नातक में पढ़ाई कर रहा था।  पुलिस ने सभी के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिये हैं।
बताया जा रहा है कि सीतापुर के रहने वाले ये चारों दोस्त रोज ही शाम को एक साथ घूमने के लिए निकलते थे। इनका एक दोस्त और है वो भी इनके साथ रोज घूमने के लिए जाता था, लेकिन आज वह किसी कार्य से देहरादून गया हुआ था जिस कारण वह इनके साथ रोज की तरह घूमने नहीं जा सका। पांचवें दोस्त को जब हादसे के बारे में पता चला तो वह भी सदमे में आ गया, वह अपने दोस्तों की मौत से बेदम सा हो गया। किसी तरह परिवार के लोगों ने उसे संभाला।
ग्रामीणों में चर्चा है कि बड़ी मन्नतों के बाद घर का चिराग मिला था, लेकिन ईश्वर ने एक झटके में परिवार से छीन लिया। जैसा इन परिवारों के साथ हुआ है ऐसा किसी के साथ न हो। कैसे यह परिवार इस सदमे से उबरेगा, कौन मां बाप के बुढ़ापे की लाठी बनेगा।



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