नवीन चौहान.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शुक्रवार सुबह टनकपुर पहुंचे। यहां वो सूर्योदय सेवा समिति की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय नेचुरोपैथी एवं योग सम्मेलन में शामिल हुए।
सम्मेलन में शामिल होने से पहले उन्होंने मृदा चिकित्सा के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीएम ने खुद भी मिट्टी का लेप लगाकर इस पद्धति के लाभ लिया।
क्या है प्राकृतिक चिकित्सा
प्राकृतिक चिकित्सा न केवल उपचार की पद्धति है, अपितु यह एक जीवन पद्धति है । इसे बहुधा औषधि विहीन उपचार पद्धति कहा जाता है। यह मुख्य रूप से प्रकृति के सामान्य नियमों के पालन पर आधारित है। जहॉ तक मौलिक सिद्धांतो का प्रश्न है इस पद्धति का आयुर्वेद से निकटतम सम्बन्ध है। प्राकृतिक चिकित्सा के समर्थक खान-पान एवं रहन सहन की आदतों, शुद्धि कर्म, जल चिकित्सा, ठण्डी पट्टी, मिटटी की पट्टी, विविध प्रकार के स्नान, मालिश तथा अनेक नई प्रकार की चिकित्सा विधाओं पर विशेष बल देते है।
मिट्टी चिकित्साः-
मिट्टी जिसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता है जो कि शरीर के विकारों विजातीय पदार्थो को निकाल बाहर करती है। यह कीटाणु नाशक है जिसे हम एक महानतम औषधि कह सकते है।
मिट्टी की पट्टी का प्रयोगः-
उदर विकार, विबंध, मधुमेह, शिर दर्द, उच्च रक्त चाप ज्वर, चर्मविकार आदि रोगों में किया जाता है। पीडित अंगों के अनुसार अलग अलग मिट्टी की पट्टी बनायी जाती है।