शव को श्मशान छोड़ने के मांगे 80 हजार, एसडीएम ने की एंबूलेंस सीज और मुकदमा दर्ज





नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण काल में एक ओर तो इंसान एक—एक सांस के लिए तड़प रहा है। वही दूसरी ओर आपदा की इस घड़ी में कुछ दानव कमाई करने के इंसानियत को शर्मसार कर रहे है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला श्मशान घाट में देखने को मिला। जब एक एंबूलेंस चालक ने शव को श्मशान घाट तक छोड़ने के लिए 80 हजार रूपये की मांग कर दी। शव भेल के रिटायर्ड एजीएम का था। शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी से चंडीघाट श्मशान घाट तक छोड़ने के लिए 80 हजार की मांग की। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने सूचना मिलते ही एंबूलेंस को सीज कर दिया और आरोपी चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश एआरटीओ को दिए है।
भेल के रिटायर्ड एजीएम एनजी श्रीवास्तव 65 वर्षीय की कोरोना संक्रमण के चलते मृत्यु हो गई। समाजसेवी शिखर पालीवाल की तमाम प्रयास भी श्रीवास्तव को नही बचा सके। जिसके बाद उनके शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। एसडीएम गोपाल सिंह चौहान ने बेटे को उसके पिता के अंतिम दर्शनों के लिए प्राथमिकता पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दिया। बेटा निशिथ श्रीवास्तव अमेरिका से हरिद्वार पहुंच गया। शिखर पालीवाल ने जब शव को चंडीघाट अस्पताल छोड़ने के लिए एंबूलेंस चालक से बात की तो उसने 80 हजार की डिमांड रख दी। जिसके बाद शिखर पालीवाल ने ओवररेटिंग की जानकारी एसडीएम गोपाल सिंह चौहान को दी। सूचना मिलते ही एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार आशीष घिल्डियाल श्मशान घाट पहुंचे और एंबूलेंस को सीज कर दिया।

मानवता की मिशाल पेश कर रहे एसडीएम
कोरोना संक्रमण काल में एसडीएम गोपाल सिंह चौहान मानवता की मिशाल पेश कर रहे है। कर्तव्यनिष्ठा से अपने फर्ज को अंजाम दे रहे है। कोरोना पीड़ितों की हरसंभव मदद करने में अपना योगदान दे रहे है।



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