सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के छात्र कर सकेंगे वन सम्पदा पर अध्ययन कार्य, कुलपति ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक




नवीन चौहान
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति की अध्यक्षता में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, प्रभागीय वनाधिकारी, वन विभाग, अल्मोड़ा एवं समन्वयक, सतत विकास माॅडल, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा की एक बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में वन विभाग के साथ भविष्य में प्रस्तावित कार्य-योजना, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विकास माॅडल और भविष्य में वन विभाग के साथ मिलकर कई योजनाओं के संचालन को लेकर चर्चा की गई।
बैठक में डीएफओ अल्मोड़ा के इंजीनियर महातिम यादव ने कहा कि वन विभाग और अल्मोड़ा विश्वविद्यालय मिलकर वन, पर्यावरण की बेहतरी के लिए कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि भविष्य में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के कैंप वन विभाग के चिंहित स्थानों पर लगाए जा सकेंगे और उस क्षेत्र की वन सम्पदाओं आदि पर अध्ययन कार्य कर सकेंगे। इसके लिए वन विभाग विश्वविद्यालय का पूर्ण सहयोग करेगा। एक शैक्षिक संस्थान के साथ मिलकर काम करने में वन विभाग गर्व महसूस करेगा।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने कहा कि वन विभाग के पास बहुत पुराने एवं उपयोगी दस्तावेज मौजूद हैं। जिनका प्रयोग न के बराबर होता है, उनको यदि वन विभाग दे देता है तो सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के एडी पंत केंद्रीय पुस्तकालय में डिजिटल रूप में संरक्षित किया जाएगा।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,अल्मोड़ा द्वारा वन विभाग,अल्मोड़ा के साथ भविष्य में कार्य करने को लेकर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ताकि वह उपयोगी दस्तावेज शोध कार्य आदि हेतु प्रयुक्त किए जा सकें।  दोनों संस्थानों ने मिलकर इस दिशा में बैठक में वार्ता की है।
उन्होंने कहा कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय और वन विभाग का यह प्रयास इस राज्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए जाना जाएगा। वन विभाग द्वारा जो भी दस्तावेज अल्मोड़ा विश्वविद्यालय को दिए जाएंगे, उनको संग्रहालय रूप में संरक्षित किया जाएगा। साथ ही भविष्य में वनौषधि/वन आधारित उद्योगों से संबंधित विषयों पर लघुशोध कार्य/ शोध कार्य/ अध्ययन भी मानविकी विषयों के तहत किए जा सकेंगे।
प्रो भंडारी ने कहा कि एन0 सी0 सी0 कैडेट्स, एन0 एस0 एस0 के स्वयंसेवी, विश्वविद्यालय के विद्याथियों के सहयोग से वन विभाग के साथ मिलकर शोधकार्य, फील्ड स्टडी, अध्ययन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के वन क्षेत्र/वन पंचायत से संबंधित दस्तावेजों को विभिन्न स्थानों से एकत्रित कर विश्वविद्यालय में डिजिटल रूप में संरक्षित करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। ताकि उन दस्तावेजों का रखरखाव बेहतर ढंग से हो सके और वन आदि पर अध्ययन करने वाले शोधार्थियों को सामग्री एक स्थान पर मिल सके।वन आदि से जुड़े हुए परम्परागत ज्ञान का संग्रहण/संकलन भी भविष्य में किया जाएगा। साथ ही बल्दोठी के जंगल का जी0 आई0 एस0 मैप जी0आई0एस0 विभाग द्वारा निर्मित किया जाएगा। बल्दोठी (बलडोठी) क्षेत्र में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवं वन विभाग, अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरण को लेकर विभिन्न कार्य भविष्य में किए जाएंगे। साथ ही भविष्य में कूड़े से खराब हो रही भूमि का ट्रीटमेंट, वनारोपण, स्मृति वन विकास, वर्षा जल संग्रहण, इनोवेशन आदि के कार्य किए जाएंगे। ताकि पर्यावरण को लेकर यह क्षेत्र माॅडल क्षेत्र बन सके।इसके लिए उन्होंने सतत विकास के समन्वयक प्रोफेसर अनिल कुमार यादव को एक कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के संबंध में प्रो भंडारी ने कहा कि सोबन सिंह जीना परिसर में परिसर में ऊर्जा की आवश्यकता, ग्रीन बिल्डिंग डिजाइन को बढ़ावा देने, सौर ऊर्जा के प्रयोग, वृक्षारोपण, सौंदर्यीकरण, बायोडायवर्सिटी गार्डन विकसित करने, वर्षाजल के संग्रहण, भूकंपरोधी निर्माण करने, अपशिष्ट के प्रबंधन आदि पर समन्वयक, सतत विकास के संयोजन में गठित समिति द्वारा कार्य किया जाएगा। इस समिति में वन विभाग, सोशल वर्कर, विश्वविद्यालय के सदस्य भी रहेंगे। इन कार्यों हेतु वन विभाग का सहयोग लिया जाएगा।
सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, परिसर अल्मोड़ा के वनस्पति विज्ञान विभाग में बाॅटनिकल गार्डन को विकसित किए जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में कुलपति ने कार्बन उत्सर्जन को कंट्रोल करने के लिए वाहनों का बहुत कम प्रयोग कर, सप्ताह में एक दिन विश्वविद्यालय में पैदल आने को लेकर शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए सुझाव दिया। ताकि पर्यावरण प्रदूषण न हो, कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगे और प्रदूषण न हो।
बैठक में भूगोल विभाग के सेवानिवृत्त आचार्य प्रो0 जे0 एस0 रावत ने वर्षा जल संग्रहण आदि के बारे में सुझाव दिए। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के सतत विकास मॉडल के समन्वयक प्रो0 ए0 के0 यादव ने विश्वविद्यालय के विश्वविद्यालय में नियोजित विकास और वन विभाग के साथ कार्य करने की योजना पर अपने विचार प्रस्तुत किये।
इस बैठक में प्रो0 जे0 एस0 रावत (सेवानिवृत्त प्राध्यापक, भूगोल, प्रो0 ए0 के0 यादव (सन्वयक, सतत विकास माॅडल), इं0 महातिम यादव (डी0 एफ0 ओ0, अल्मोड़ा), डाॅ0 ललित चंद्र जोशी, (विश्वविद्यालय मीडिया प्रभारी), डाॅ0 बिपिन चंद्र जोशी (कुलसचिव) और कुलपति के वैयक्ति सहायक देवेंद्र पोखरिया, गोविंद मेर शामिल हुए।



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