सत्ता संग्राम 2022ः बसपा, आप और ओवैसी की पार्टी उतरेंगी मैदान में तो बिगाड़ देंगे भाजपा-कांग्रेस पार्टी का चुनावी समीकरण, कैसे पढ़िए खबर




जोगेंद्र मावी
उत्तराखंड में विधानसभा-2022 के चुनाव में सत्ता के लिए बड़ा संग्राम होगा। अभी तक उत्तराखंड में केवल भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता चलाई, लेकिन इस बार के चुनाव-2022 में बसपा, आप और ओवैसी की एआईएमआईएम पार्टी भी दस्तक देने को तैयार हो गई है। ये तीनों पार्टी भाजपा और कांग्रेस पार्टी के चुनाव का समीकरण बिगाड़ देगी। बसपा, आप और ओवैसी की पार्टी के पदाधिकारी जमीनी स्तर पर उतरकर सदस्यता अभियान चलाएं हुए हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा और कांग्रेस के असंतुष्ट कई बड़े नेता आप और बसपा का दामन थाम लेंगे।
उत्तराखंड के निर्माण के बाद भाजपा और कांग्रेस की सत्ता रही है। तीसरा संगठन उत्तराखंड क्रांति दल की जो धमक थी वो धीरे-धीरे समाप्त होती जा रही है। उक्रांद विधानसभा चुनाव 2012 और 2017 में कोई चमत्कार नहीं दिखा सकी। यही हाल 2017 में बसपा का रहा। जहां हरिद्वार जनपद की अधिकांश सीटों पर बसपा का कब्जा रहता था तो विधानसभा 2017 में एक भी सीट नहीं जीत पाई। समाजवादी पार्टी का तो प्रदेश में वजूद ही नहीं बचा है, चंद नेता ही पार्टी से जुड़े रह गए हैं। जनाधार न होने से पार्टी की गतिविधियां भी कम ही होती है। अब तीसरा विकल्प देने का दावा करते हुए आम आदमी पार्टी ने प्रदेश में दस्तक में दी है। आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में दस्तक दी हुई है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के प्रदेश में निरीक्षण करते हुए अपनी दस्तक देने पर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाते हुए जनता में संदेश दे दिया है कि इस बार वे विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेंगे। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि इन तीनों पार्टी का वजूद प्रदेश में नहीं है, केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए राजनीति चमकाने के लिए कुछ नेता सड़क पर उतरने का दावा करते हैं, उनका मानना है कि चुनाव तो भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होगा। भाजपा के नेता केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों को लेकर दावा भर रहे हैं कि प्रदेश की जनता उनसे खुश है और फिर से सत्ता में वापसी करेंगे। जबकि यही दावा 2017 में हरीश रावत भी करते थे कि उनके विकास कार्यों से जनता खुश है और वापसी करेंगे, लेकिन मात्र 11 सीटों पर सिमटकर रह गए थे। स्वयं हरीश रावत दो सीटों से चुनाव हारे थे।

आम आदमी पार्टी

आप पार्टी की दस्तक से दहशत में राजनैतिक दल
आम आदमी पार्टी की दस्तक से उत्तराखंड प्रदेश के प्रमुख दल दहशत में हैं। क्योंकि दिल्ली में बिजली, पानी, महिलाओं के यात्रा निशुल्क कर दिए जाने के साथ स्कूल का माॅडल पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसे लेकर सभी लोगों के दिल और जेहन में आम आदमी पार्टी का नाम बसा हुआ है। आम जनता चाहती हैं कि बिजली, पानी साथ अन्य सुविधाएं निशुल्क या सस्ती हो जाए तो आजीविका के लिए कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकारी स्कूलों की सूरत और शिक्षा सुधर जाए तो उन्हें प्राइवेट स्कूलों में महंगी शुल्क से बचत होगी। आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर घोषणा कर चुके हैं कि प्रदेश की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि अभी आप पार्टी के साथ प्रदेश का कोई बड़ा चेहरा साथ में नहीं हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस में पद, कद और सम्मान न मिलने पर वे आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं।

बहुजन समाज पार्टी

बसपा पूरी सिद्दत से जुटकर बढ़ा रही जनाधार
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम पूरी सिद्दत के साथ मैदान में उतरे हुए हैं। हरिद्वार जनपद में तो बसपा ने पूरी तरह से पैर जमा लिए है। जनपद के बड़े नेता पार्टी के साथ है। जिसमें पूर्व विधायक शहजाद अली, मंगलौर के पूर्व विधायक हाजी सरबत करीम अंसारी, पूर्व विधायक हरिदास, पूर्व जिला पंचायत चौधरी राजेंद्र सिंह, चौधरी रविंद्र पनियाला, इरशाद राणा, पूर्व प्रधान दिनेश चौहान, मुर्करम अंसारी, जयंत चौहान, आदित्य समेत बड़े नेता है। साथ ही भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता भी बसपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तो कुछ विधानसभा चुनाव से पूर्व शामिल हो जाएंगे। हालांकि फिलहाल भी कई बड़े नेता शामिल हो गए हैं।

एआईएमआईएम

एआईएमआईएम चला रही सदस्यता
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन या एआईएमआईएम का गठन उत्तराखंड प्रदेश में हो चुका है। पाटी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तराखंड के अध्यक्ष रूड़की निवासी नैयर काजमी को बनाकर विस्तार की जिम्मेदारी दी है। हरिद्वार के जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दकी को बनाया है, जिन्होंने ज्वालापुर में कार्यालय खोल दिया है। जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दकी का कहना है कि पार्टी के सिद्धांतों को लेकर सदस्यता अभियान जारी है। पार्टी से लगातार लोग जुड़ रहे हैं, जिन सीटों पर संगठन मजबूत होगा, उन्हीं पर पार्टी के प्रत्याशी उतारे जाएंगे।

उत्तराखंड क्रांति दल

वजूद बचाने के लिए उक्रांद भी कर रही तैयारी
उत्तराखंड क्रांति दल भी अपना वजूद बचाने के लिए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट प्रदेश वासियों को निशुल्क पानी देने के साथ तीसरा विकल्प बताते हुए चुनावी मैदान में उतरेगा। केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट का कहना है कि उत्तराखंड निर्माण में उनके दल की भूमिका सबसे अग्रणीय रही है और भाजपा कांग्रेस की पार्टियों ने प्रदेशवासियों को धोखा देकर सत्ता की मलाई चाटकर केवल सरकार के खजाने से अपनी तिजौरी भरने के अलावा कोई विकास काम नहीं किया। इसलिए जनता इस बार उक्रांद पर विश्वास जताएगी।

उत्तराखंड विधानसभा 2022



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