डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में त्रिदिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन के दूसरे दिन बही भक्ति की धारा




नवीन चौहान.
डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक स्कूल हरिद्वार में गत वर्षों की भांति इस वर्ष भी विद्यार्थियों में वैदिक संस्कृति व भारतीय संस्कृति की अजस्र ज्ञानधारा को प्रवाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वैदिक परम्परा का निर्वहन करते हुए त्रिदिवसीय वैदिक चेतना सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दूसरे दिन सर्वप्रथम प्रभात फेरी गीत उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है को नृत्य रूप में प्रस्तुत कर जन-जन तक समय का सदुपयोग व कर्तव्य भावना को जगाने का संदेश दिया।

कार्यक्रम की भक्तिरस धारा में अगला मोती विद्यालय की संगीत शिक्षिका श्रीमति अर्चना तलेगाँवकर द्वारा सर्वव्यापी परमात्मा को साधक केवल ओ3म् नाम द्वारा ही प्राप्त कर सकता है, यह बताते हुए एक अत्यन्त सुन्दर स्वरचित भजन ‘अ’ कार ‘उ’ कार ‘म’ कार से तू परिलक्षित हो रहा प्रस्तुत किया। तबले पर उनका साथ दिया विद्यालय के ही संगीत शिक्षक श्री हिमांशु गुप्ता ने।

कार्यक्रम का तीसरा मोती था आर्य समाज के मूर्धन्य सन्यासी आनन्द स्वामी जी, जिन्होने उपनिषद् जैसे गूढ़ विषयों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए संवाद व कथा शैली में 26 पुस्तकों का लेखन किया है। वृहदारण्यक उपनिषद पर आधारित स्वामी जी की पुस्तक घोर घना जंगल से उनके विचार सबके समक्ष अत्यन्त प्रभावी शब्दों में प्रस्तुत किए विद्यालय की नैतिकशिक्षा की अध्यापिका डाॅ0 श्रीमति अनीता स्नातिका ने। मंच संचालन कक्षा ग्यारह की छात्रा विधि शर्मा ने किया ।

तीसरे दिन के कार्यक्रम का प्रसारण भी इसी प्रकार व्हाट्सग्रुप द्वारा दिनांक 27.10.2021 को किया जाएगा। कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं अध्यापकों का धन्यवाद किया कि उन्होंने ने इस कार्यक्रम को तैयार करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।



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