STF ने सरकारी भर्ती के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का किया खुलासा, तीन गिरफ्तार




नवीन चौहान.
एसटीएफ उत्तराखंड की टीम ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो सरकारी नौकरी में भर्ती कराने के नाम पर लोगों के साथ ठगी कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन समेत भारतीय युवा खेल परिषद के दस्तावेज बरामद कर सीज किये हैं। पकड़े गए सदस्यों के बैंक खातों में 55 लाख रूपये का लेनदेन पिछले 6 महीने में मिला है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि कुछ दिवस पूर्व एसटीएफ कार्यालय में उत्तराखण्ड के कुछ युवकों द्वारा शिकायत की गयी थी कि एक संगठित गिरोह द्वारा भारतीय युवा खेल परिषद में फिजीकल एजुकेशन टीचर, भारतीय रेलवे, इन्कम टैक्स, आदि विभागों में सरकारी नौकरी के पदों के लिये आनलाइन आवेदन मांगे जा रहे हैं तथा भर्ती कराने के एवज में फर्जी भर्ती सेन्टरों में ट्रेनिंग देकर मोटी रकम ली जा रही है।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा जांच में पाया कि भारतीय युवा खेल परिषद नाम से एक बेवसाइट बनी हुयी है जिसमें फिजीकल एजुकेशन टीचर जैसे विभिन्न पदों के लिये आनलाइन आवेदन पत्र उपलब्ध हैं तथा उसमें रजिस्ट्रेशन के लिये 700 रूपये की फीस निर्धारित की गयी है साथ इसी बेवसाइट में काॅन्टेक्ट नम्बर भी जारी किये गये हैं। इस बेवसाइट पर दिये गये नम्बर पर जब कोई बेरोजगार युवक या युवती जानकारी करते थे तो उन्हें सामने वाले व्यक्ति द्वारा ये ही बताया जाता था कि ये एक सरकारी संस्था है तथा इसमें विभिन्न पदों की भर्ती के लिये आपको पहले 700 रूपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क भरकर आवेदन करना होगा उसके पष्चात आपका सलेक्षन होने पर आपको ट्रेनिंग भेजा जायेगा।

इसके बाद युवकों द्वारा सम्बन्धित वेबसाइट में जाकर आनलाईन आवेदन पत्र भर दिया जाता और उसमें 700 रूपये शुल्क प्राप्त कर लिया जाता उसके कुछ दिन पश्चात सम्बन्धित युवक/युवती को अपने मूल डाक्यूमेन्ट जमा करने को कहा जाता और फिर मेल के माध्यम से सम्बन्धित युवक/युवती को फिजीकल एजुकेशन टीचर पद के लिये उपयुक्त बताकर ट्रेनिंग के लिये हरिद्वार स्थित एक आश्रम में उपस्थित होने के लिये कहा जाता था और उसके बाद उनसे परमानेन्ट सलेक्शन के लिये करीब 1.5 से 02 लाख रूपये का खर्चा बताकर यूथ एसोसिएशन के नाम से बने खाते के अलावा अपने खातों में पैसा जमा करा दिया जाता था। फिर युवक और युवतियों को कुछ दिवस की ट्रेनिंग देने के पश्चात् ज्वाईनिंग लेटर का इंतजार करने के लिये कहकर वापस भेज दिया जाता है लेकिन फिर दुबारा उन्हें कोई सम्पर्क नहीं किया जाता है।

एसटीएफ द्वारा ठगी के शिकार हुये युवकों से पूछताछ करने पर ये बात भी सामने आयी कि इस गिरोह के द्वारा कई लोगों को भारतीय रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग और विदेश भेजने को लेकर भी ठगी की गयी है तथा फिजीकल एजुकेशन टीचर के नाम भर्ती करने लिये श्यामपुर स्थित एक आश्रम में युवकों को बकायदा पूरे 1 माह की ट्रेनिंग दी गयी है। जहां पर इस गिरोह के लोगों द्वारा एक ट्रेनिंग दिलाने नाम पर कुछ ट्रेनर भी रखे गये थे तथा ट्रेनिंग के दौरान ही युवक/युवतियों को खाते के नम्बर देकर उनसे करीब 2 लाख रूपये जमा करा दिये जाते थे।

एसटीएफ ने अपनी जांच में भारतीय युवा खेल परिषद के बारे में जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से जारी बेवसाइट में आन लाइन फार्म में दिये जाने वाला रजिस्ट्रेशन शुल्क 700 रूपये आनन्द मेहतो के नाम से बने पेटीएम एकाउन्ट में जमा हो रहा है तथा इस अकाउन्ट में विगत 06 माह के अन्दर पूरे भारतवर्ष के अलग अलग राज्यों से युवक और युवतियों द्वारा आन लाइन रजिस्ट्रेशन किया गया है तथा भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेरोजगार युवकों से प्राप्त की जा रही धनराषि यूथ एसोशिएसन के नाम के खाते में जमा हुयी है, जिसका संचालक आनन्द कुमार मेहतो, राखी रानी और मनीष कुमार नाम के व्यक्ति हैं।

इस खाते के अलावा युवक और युवतियों द्वारा दिये गये खातों की जानकारी की गयी तो विगत 06 माह में लगभग 55 लाख रूपये की धनराशि पायी गयी थी। जांच में इस गिरोह के आनन्द कुमार मेहतो, राखी रानी और मनीष कुमार के अलावा अन्य सदस्य योगेन्द्र कुमार योगेश, संजय रावत, राजकुमार उर्फ राजवरी, संदीप सिंह का नाम प्रकाश में आये। जिनमें से तीन सदस्य आनन्द मेहतो, योगेश और संजय रावत की कल रात गिरप्तारी की गयी है, उनके कब्जे से एक लैपटाॅप, 03 मोबाईल फोन, भा0यु0खेल परिषद के बनाये हुये कई दस्तावेज आदि बरामद किये गये हैं। इनके विरूद्ध एसटीएफ द्वारा थाना श्यामपुर हरिद्वार में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। गिरोह के सदस्यों के खातों के अलावा अन्य प्रकाष में आये खातों को फ्रिज करने हेतु एसटीएफ द्वारा कार्यवाही की जा रही है तथा अन्य सदस्यों की गिरप्तारी हेतु धरपकड़ जारी है।

पुछताछ में आनन्द मेहतो द्वारा बताया गया कि वो इण्टर पास है उसे कुछ समय पहले मनीष कुमार नाम का एक लड़का मिला जो बिहार का ही रहने वाला है उसने उसे इस काम के बारे में बताया। इसके लिये मैंने और योगेश ने भारतीय युवा खेल परिषद के नाम से बेवसाईट बनायी और उसमें फर्जी नाम से एक सिम खरीद कर काॅन्टैक्ट नम्बर दे दिया और उसमे आनलाइन भर्ती फार्म के आप्सन को डाला दिया। जिसकी फीस 700 रूपये रखी जो कि मेरे मोबाईल के patym एकाउन्ट में आती थी। युवाओं को सरकारी जांब और ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर कमिशन एजेन्ट रखे गये थे जिनको प्रत्येक युवक/युवती के लिये कमिशन 10 से 40 हजार रूपये दिया जाता था। कमिशन एजेन्टों से सम्पर्क में आये युवकों से भारतीय युवा खेल परिषद में ट्रेनिंग और जाॅब के नाम पर 1.5 से 02 लाख रूपये यूथ एसोसिएशन के नाम से खोले गये खाते में प्राप्त करता था।

युवकों को ट्रेनिंग देने के लिये अलग से ट्रेनर भी रखे थे जिनको हम 15 से 20 हजार रूपये प्रतिमाह की सेलरी देते थे। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि हमारे झांसे में बेरोजगार युवक इसलिये आ जाते थे कि हम इस काम के लिये भारतीय युवा खेल परिषद नाम से अपना अच्छा सा आफिस खोल कर रखते थे और कुछ समय पश्चात उसको बदल देते थे। पूछताछ में संजय रावत द्वारा बताया गया कि आनन्द मेहतो, योगेश द्वारा उसे बेरोजगार युवकों को नौकरी के बारे में तथा बेवसाइट की जानकारी देकर उपलब्ध कराने का काम दिया गया था जिस हेतु उसके प्रत्येक एक युवक के लिये 10 से 20 हजार रूपये का कमिषन प्राप्त होता था। इसके अलावा आनन्द कुमार ने बताया कि उसके साथ योगेष, संजय और मनीष मिलकर कर युवाओं को रेलवे विभाग, इनकम टैक्स विभाग में नौकरी लगाने के लिये अथवा विदेश भेजने के नाम पर भी ठगी की जाती थी जिसके लिये बकायदा सम्बन्धित विभागों के फर्जी नियुक्ति पत्र युवाओं को जारी किये जाते थे।

पुलिस टीम
1.निरीक्षक यशपाल सिंह
2.उ0नि0 विपिन बहुुगुणा
3.उ0नि0 नरोत्तम विश्ट,
4.हे0कां0 देवेन्द्र मंमगाई,
5.हे0कां0 प्रमोद,
6.हे0कां0 विरेन्द्र नौटियाल,
7.कां0 रविपन्त,
8.कां दीपक चन्दोला।



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