तो क्या पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत संभालेंगे ‘प्रदेश’ की कमान




नवीन चौहान.
प्रदेश में अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सवाल कांग्रेस और भाजपा दोनों में चल रहा है। भाजपा से जहां इस बार पुष्कर सिंह धामी को ही अगला सीएम बताया गया वहीं कांग्रेस में हरीश रावत ने स्वयं सीएम बनने का दावा किया, हालांकि दो दिन बाद ही वह अपने बयान से बैक फुट पर आ गए।
इस सबके बीच अब चर्चा भाजपा सरकार के वर्तमान सरकार के सीएम पु​ष्कर सिंह धामी की पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ हुई मुलाकात को लेकर हो रही है। दिल्ली बुलाए गए सीएम ​पुष्कर सिंह धामी ने जिस तरह से वापस देहरादून लौट कर सबसे पहले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
ये तो सभी जानते हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत बेहद ही अनुभवी और भाजपा के स​मर्पित कार्यकर्ता है। उनके अनुभव का लाभ भी पार्टी ने चार साल तक उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर लिया। लेकिन अचानक उन्हें सीएम पद से हटाकर सांसद तीरथ सिंह रावत को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया और उसके चार महीने बाद ही उन्हें भी सीएम पद से हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया। इस फेरबदल में हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक को भी कैबिनेट मंत्री से हटाकर प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। चुनाव में भाजपा को फिर से सत्ता में लाने की जिम्मेदारी मदन कौशिक के कंधे पर डाली गई। लेकिन जिस तरह से चुनाव के रिजल्ट आने से पहले ही पार्टी के प्रत्याशी ही प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाने लगे उससे पार्टी हाईकमान की चिंता बढ़ गई है।
ऐसे में माना जा रहा है कि एक बार फिर से प्रदेश में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुभव और उनके राजनीतिक कौशल का लाभ उठाया जाए। शायद यही वजह है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी को पार्टी हाईकमान ने कोई ऐसा निर्देश दिया है जिसके मिलने के बाद वह सीधे त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास पहुंचे। राजनीति के गलियारे में चर्चा है ​कि चुनाव परिणाम आने के बाद पार्टी हाईकमान एक बार फिर से त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रदेश में कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *