सिटी हॉस्पिटल के खिलाफ सुपर कॉम्पलैक्स के दुकानदारों ने खोला मोर्चा, लगाए गंभीर आरोप




नवीन चौहान.
हरिद्वार। हरिद्वार के सबसे व्यस्त इलाके रानीपुर मोड़ स्थित सिटी हास्पिटल के खिलाफ सुपर कॉम्पलैक्स के दुकानदारों ने मोर्चा खोल दिया है। दुकानदारों का आरोप है कि हॉस्पिटल के मालिक सुपर कॉम्पलेक्स के दुकानदारों के खिलाफ फर्जी शिकायत कर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

दुकानदारों का आरोप है कि बीती 3 जनवरी 2023 को एक दैनिक अखबार में छपी खबर के हवाले से ‘सिटी हास्पिटल के मालिक शिव कुमार कपूर ने सुपर कॉम्पलेक्स के दो दुकानदारों पर धमकी देने और हास्पिटल को बंद कराने के नाम पर पांच लाख रुपये की वसूली करने का आरोप लगाया है।’ उन्होंने जान का खतरा बताकर व्यक्तिगत सुरक्षा की भी मांग की है।

जबकि सुपर कॉम्पलेक्स के व्यापारियों का कहना है, चूंकि कई विभागों जैसे एचआरडीए, अग्निशमन अध्किारी, सिटी मजिस्ट्रेट, उत्तराखण्ड जल संस्थान, एसएसपी और ज्वालापुर थाने में सिटी हास्पिटल के खिलाफ जांच चल रही है, उसी जांच को प्रभावित करने और सुपर कॉम्पलेक्स के व्यापारियों पर दबाव बनाने के लिए सिटी हास्पिटल के मालिक झूठी शिकायत कर रहे हैं। सुपर कॉम्पलेक्स के व्यापारी जयपाल सिंह का कहना है कि सिटी हॉस्पिटल के मालिक उनकी दुकान पर आए और धमकी दी कि वे सिटी हास्पिटल के विस्तारीकरण के मामले से पीछे हट जायें, वरना इसके तुम्हें बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

दुकानदारों का आरोप है कि वो सुबह करीब 11 बजे सुपर कॉम्पलेक्स में आए और सभी दुकानों के बिना अनुमति के फोटोग्राफी करने लगे और झूठ बोलते हुए कहने लगे कि मुझसे पांच लाख रुपये की मांग करते हैं। दुकानदारों का कहना है कि विगत दिनों सुपर काम्पलेक्स व्यवसायियों ने सिटी अस्पताल के मालिकों पर सुपर काम्पलेक्स में अवैध रूप से अतिक्रमण कर अस्पताल का विस्तार करने को लेकर हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण मेे लिखित शिकायत की थी, जिसकी जांच चल रही है।

शिकायत के बाद प्राधिकरण की ओर से सिटी हास्पिटल स्वामी से सिटी हास्पिटल का नक्शा मांगा था, जिसे उन्होंने एचआरडीए में यह कहते हुए जमा नहीं किया कि नक्शा हमारे पास नहीं, कहीं खो गया और हम लखनउफ से मंगा रहे हैं, आने पर जमा कर देंगे।

काम्प्लेक्स व्यापारियों का आरोप है कि सिटी हास्पिटल के मालिक ने काम्पलेक्स की छतों पर जाने वाले चार रास्तों में से तीन को पूरी तरह बंद कर दिया व इसके साथ ही वहां लगे फायर सिस्टम के पानी के टैंक को भी नष्ट कर दिया गया है। एचआरडीए को दिए पत्र मेें दुकानदारों ने बताया कि लगभग 32 वर्ष पुराना यह सुपर काम्पलेक्स है। वर्तमान में चार मंजिल के लिए उपयुक्त नहीं है, लेकिन फिर भी चौथी मंजिल पक्की बनाकर हास्पिटल का विस्तार किया गया।

आरोप ये भी है कि कॉम्पलैक्स का दूसरा तल जो आवासीय है, उस पर भी हास्पिटल बनाकर व्यवसायिक कर दिया गया है। सुपर काम्पलेक्स के व्यापारियों का आरोप है कि पहली मंजिल, गैलरियों एवं सामने की बालकनी को भी अवैध रूप से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सुपर काम्प्लेक्स में टायलेट के सीवरेज में सिटी हास्पिटल के सीवरेज को अवैध रूप से बिना एसटीपी और ईटीपी के जोड़ दिया गया है, जिसकी वजह से काम्पलेक्स के सीवरेज जाम हो जाते हैं।

इसकी वजह से कभी भी गंदा पानी निकलकर फैल जाता है। जिस कारण बीमारी फैलने का खतरा हर समय बना रहा है। कॉम्पलेक्स के व्यापारियों को तंग व परेशान करने की नीयत से 32 साल पुराने बने कॉम्पलेक्स में अब दीवार करना चाहते हैं, जिसकी एक सूचना उन्होंने दैनिक समाचार पत्र में छपवाई है।

सुपर काम्पलेक्स व्यवसायियों ने यह भी बताया कि कि सुपर काम्पलैक्स के बाहर बनी पार्किंग में सिटी हास्पिटल के डाक्टरों, स्टाफ व आने वाले मरीजों के केयरटेकर, देखभाल करने वालों के वाहन बेतरकीब खड़े रहते हैं जिससे सुपर काम्पलेक्स के दुकानदारों को अपने वाहन खड़े करने एवं निकालने में काफी परेशानी होती है। मजबूरन उन्हें अपने वाहन बाहर खड़े करने पड़ते है जिस कारण काम्पलेक्स के दुकानदारों के वाहनों के अक्सर चालान कटते रहते हैं।

व्यापारियों ने बताया कि पिछले 29 दिसम्बर की रात्रि करीब 3.30 बजे सुपर कॉम्पलेक्स की एक दुकान में आग लग गयी थी जिसे बामुश्किल अग्निशमन की गाड़ियों ने बुझाया, व्यापारियों का कहना है कि यदि यह आग सिटी हास्टिल की दूसरी या तीसरी मंजिल पर लग जाती तो इसके क्या परिणाम होते इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है, क्योंकि लगभग 80 बैड के सिटी हास्पिटल का केवल प्रवेश और निवासी का एक ही 8 फुट चौड़ा द्वार है।

इस पूरे प्रकरण में जब सिटी हॉस्पिटल के संचालकों से बात कर उनका पक्ष जानने का प्रयास किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।



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