पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सोच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोहर





नवीन चौहान
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दूरदर्शी सोच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोहर लगा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट को देखते ​हुए कुंभ पर्व 2021 को प्रतीकात्मक रखने का आग्रह संतों से ​किया है। उन्होंने अपने टवीट में कहा कि​ कोरोना संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
कुंभ पर्व 2021 को दिव्य और भव्य तरीके से आयोजित करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक दूरद​र्शिता का परिचय दिया था। उन्होंने कुंभ पर्व को सीमित करने और सभी अखाड़ों के संतों के शाही स्नान को लेकर वृहद योजना बनाई थी। जिसके चलते कोरोना संक्रमण काल में कुंभ पर्व बेहद की शानदार और सुरक्षित तरीके से सकुशल संपन्न कराने की योजना थी। उन्होंने हरिद्वार के सभी व्यापारियों से इस संकट की घड़ी में धैर्य रखने का अनुरोध किया था और सरकार का सहयोग करने की अपील की थी। हालांकि व्यापारी वर्ग खासा नाराज हुआ था और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुंभ पर्व के आयोजन को लेकर कमजोर इच्छा शक्ति की बात चर्चाओं में आई। अपने इरादों पर दृढ़ रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों के जीवन को सर्वोपरि रखा। उन्होंने उत्तराखंड की जनता के जीवन को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित बचाकर रखना ही अपनी पहली प्राथमिकताओं में रखा। यही कारण रहा कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कुंभ पर्व के आयोजन को लेकर संत समाज, जनता के निशाने पर रहे और भाजपा के ही विधायकों से टकराते रहे।


अब चूंकि कुंभ पर्व अपने समापन की ओर अग्रसर है तो हरिद्वार के हालात पूरी तरह से बिगड़ चुके है। कोरोना संक्रमण से संतों की मौत के बाद संत समाज भी सहमा हुआ है। निरंजनी अखाड़े ने तो कुंभ पर्व के समापन की घोषणा भी कर दी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हरिद्वार के एक आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि से फोन पर बात करते हुए कुंभ पर्व के आयोजन को प्रतीकात्मक रखने की अपील करना ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दूरदर्शी सोच को प्रमाणित करता है।

बताते चले कि नेतृत्व परिवर्तन के बाद प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बड़े ही अतिउत्साह में सभी देशवासियों को कुंभ पर्व में हरिद्वार आमंत्रित किया और एसओपी का हवाला देकर कुंभ को सीमित किया। यह गोल-गोल घुमाने वाली बात ही रही। हरिद्वार के तमाम व्यापारी वर्ग अब ज्यादा नाराज है। एक तो कारोबार को लेकर उनकी उम्मीद टूट गई। रही सही कसर हरिद्वार में फैले कोरोना संक्रमण ने पूरी कर दी। ऐसे में अब जब हरिद्वार में कोरोना फैल चुका है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है। सवाल आपके लिए है।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत किसी भी बात को गोल-गोल घुमाकर कहने की बजाए स्पष्ट शब्दों में कहने में यकीन रखते है। जनता को भ्रमित करने की बजाए जनहित के कार्यो को धरातल पर उतारने में यकीन रखते थे। बेहद ही कम शब्दों में बोलकर ज्यादा काम करने की उनकी खूबी सबसे जुदा है। यही कारण रहा कि वह अपने ही भाजपा और संघ परिवार में अकेले पड़ गए। लेकिन उत्तराखंड के हितों को सर्वोपरि रखा।



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