केदारनाथ में पंडा पुरोहित की दबंगई, पूर्व सीएम को झेलना पड़ा विरोध,​ बिना दर्शन के वापस लौटे




  • पूर्व सीएम को केदारनाथ जी के दर्शन से रोकना एक अस्वस्थ परपंरा की शुरूआत

नवीन चौहान.
केदारनाथ जी में सोमवार की सुबह जो हुआ वह ठीक नहीं हुआ। देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने एक आम आदमी की तरह दर्शन के लिए आ रहे पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को जिस तरह से भगवान के दर्शन करने से रोका वह एक अस्वस्थ्य परपंरा की शुरूआत है।

देवस्थानम बोर्ड गठन का विरोध कर रहे केदारनाथ धाम में सोमवार को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को तीर्थ पुरोहित समाज के विरोध का सामना करना पड़ा। त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धनसिंह रावत के अलावा अन्य कई लोग मौजूद थे।

बताया जा रहा है कि उनके साथ भी विरोध कर रहे लोगों ने धक्कामुक्की की। इस घटना से एक नयी परपंरा की शुरूआत हो गई है। जो कि आने वाले दिनों में प्रदेश के हित के लिए कतई ठीक नहीं कही जा सकती।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में देवस्थानाम बोर्ड का गठन किया गया था। तब श्री रावत ने इस बोर्ड का गठन प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत करने और सभी के हितों को ध्यान में रखकर किया था।

इस बोर्ड के गठन के पीछे उद्देश्य यही था कि उत्तराखंड के मंदिरों को सं​रक्षित किया जा सके। देवभूमि को आस्था की दृष्टि से विश्व में एक नई पहचान दिलायी जा सके। इन बातों को पूर्व सीएम ने पूरा ध्यान रखा था।

जानकारी के अनुसार इस बोर्ड का गठन करने से पहले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत ने संत समाज, पंडा पुरोहित आदि को विश्वास में लेकर, उनसे विचार विमर्श कर प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था। जिसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव पर मुहर लगायी गई।

प्रस्ताव को पास कराने से पहले उसके सभी दूरगामी परिणामों पर सोच विचार किया गया। किसी के हित को ठेस या नुकसान न पहुंचे इसका भी विशेष ध्यान रखा गया। लेकिन जिस तरह से सोमवार को केदारनाथ में पूर्व सीएम का विरोध हुआ वह ठीक नहीं कहा जा रहा है।

केदारनाथ में पूर्व सीएम का विरोध कर पंडा समाज ने एक स्वस्थ परंपरा का विरोध किया है। किसी को भगवान के दर्शन से रोकने का अधिकार नहीं है। विरोध करने वाले ऐसा कर आम जनता को भी नाराज कर रहे हैं।

आम जनता भी कह रही है कि विरोध के अलग अलग तरीके हो सकते हैं। लेकिन जिस तरह से पूर्व सीएम को रोका गया वह तरीका किसी तरह से ठीक नहीं है। जनता सोशल मीडिया पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ खड़े हो रहे हैं।

एक यूजर ने तो यह भी लिखा कि केदारनाथ पुरोहितों का नहीं पूरे उत्तराखंड वासियों का है। एक यूजर ने लिखा कि मंदिर में ना जाने देना इस तरह का विरोध करना अशोभनीय है। राजनैतिक विरोध अपनी जगह है।

यही नहीं एक यूजर ने लिखा कि इन जैसे धर्म के ठेकदारों की वजह से ही हिंदू धर्म का क्षरण हो रहा है। जिस तरह मंदिर ये लोग डिमांड करते हैं उससे मन दुखी होता है।

वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि बाबा केदार के अंतर्दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया और सभी के मंगल की कामना की।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *