परीक्षा के तनाव को दूर करने के पीएम ने दिये टिप्स, DAV जगजीतपुर के 1031 बच्चों ने देखा सीधा प्रसारण




नवीन चौहान.
बोर्ड परीक्षा के तनाव को कैसे दूर किया जाए, यह बड़े ही आसान तरीके से आज देशभर में बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखा। मौका था प्रधानमंत्री का परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का। हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में भी परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हुआ। इस कार्यक्रम को स्कूल के 1031 बच्चों ने सीधा प्रसारण देखा, और पीएम से परीक्षा को आसान कैसे बनाया जाए यह भी सीखा।

परीक्षा पे चर्चा-2023 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बड़े आंदोलन ‘एग्जाम वारियर्स’ का एक हिस्सा है। यह 2018 से हर साल आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। पीपीसी के छठे संस्करण में मोदी जी ने दिनांक 27.1.2023 सुबह 11ः00 बजे नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत की।

डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, जगजीतपुर, हरिद्वार में 1031 विद्यार्थियों, शिक्षकों सहित कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों ने ‘परीक्षा पर चर्चा’ का सीधा प्रसारण देखा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी जी ने परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए छात्रों के साथ स्कूल में और समाज में छात्रों के व्यवहार के बारे में बहुमूल्य सुझाव साझा किए और परिवार के दबाव, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, अनुचित साधनों की रोकथाम, आलोचना की चुनौतियों का सामना कैसे करें, सोशल मीडिया की गड़बड़ी को कैसे दूर किया जाए, अनुशासित वातावरण कैसे बनाया जाए, जैसे सवालों के जवाब दिए। ।

प्रेरणादायक अंतर्दृष्टि में, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सफलता और समृद्धि की पराकाष्ठा ऊर्जावान बने रहने में निहित है। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि परीक्षा को सहज क्रम से अपनाएं, जीवन का हिस्सा बनाएं तो परीक्षाएं हमारे जीवन का उत्सव बन जाएगी ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि आलोचना और रुकावट के बीच बहुत महीन रेखा होती है। माता-पिता को रचनात्मक एवं सकारात्मक तरीके से अपने बच्चों की आलोचना करनी चाहिए। उन्होंने समय प्रबंधन का पालन करने पर भी प्रकाश डाला और विशेष रूप से एक माँ के समय प्रबंधन का उदाहरण देते हुए बताया कि यह कैसे उनके भविष्य के प्रयासों में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री जी ने छात्रों को शॉर्ट कट में विश्वास न करने और कड़ी मेहनत करने और उन पर विश्वास करने के लिए निर्देशित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी कि छात्रों केे प्रश्न पूछने पर उनकी जिज्ञासा को सुनना चाहिए और उसका सही समाधान देना चाहिए, क्योंकि विद्यार्थी अध्यापक की बात को ही मूल्यवान समझता है। उनके अनुसार सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से खुद को बचाने का सबसे अच्छा तरीका है कि घर में नो टेक्नोलॉजी जोन बनाया जाए जहां गैजेट्स की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और सप्ताह में एक बार डिजिटल फास्टिंग को अपनाया जाना चाहिए।

उन्होंने संचार कौशल के रूप में बहुभाषी होने के महत्व के बारे में सभी को बताया, हर भाषा हजारों वर्षों के अनुभव और ज्ञान का झरोखा है, यह एक अविरल धारा है जो हमें भावों से जोड़ती है। उन्होने बताया कि विश्व की सबसे पुरातन भाषा तमिल है और प्रत्येक भारतीय को इस पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को नए क्षेत्रों की खोज करके सीखने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपने क्षितिज का विस्तार करने की प्रेरणा दी। बातचीत के दौरान प्रधान मंत्री ने एक संवादात्मक, आनंदमय और संवादात्मक स्वर बनाए रखा।

इस कार्यक्रम के अमित चौहान उपाध्यक्ष जिला पंचायत, संदीप गोयल जिला भाजपा अध्यक्ष, डॉ0 दिनेश सिंह संस्थापक नीलकंठ नेत्रालय, लव शर्मा जिला उपाध्यक्ष भाजपा इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार नवीन चौहान भी शामिल हुए। औपचारिक स्वागत के बाद सभी गणमान्य व्यक्ति हमारे स्कूल में पीपीसी के साक्षी बने।

पीपीसी कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन विद्यालय की भौतिकी विषय की अध्यापिका प्रतिभा शर्मा ने किया। अपने समापन शब्दों में कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने पीपीसी के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह हमारे प्रधानमंत्री श्री मोदी जी द्वारा शुरू किया गया एक अनूठा कार्यक्रम है।



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