प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण कार्यक्रम,‘‘मिट्टी, पानी और बयार, जिन्दा रहने के आधार’’ डाॅ ध्यानी





गगन नामदेव
वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 गाईड लाईन/नियमों का पालन करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में दिनांक 05 जून, 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर बडे़ पैमाने पर विश्व विख्यात पर्यावरणविद् स्व0 सुन्दर लाल बहुगुणा की स्मृति में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्यवर्धक पौधे विश्वविद्यालय परिसर में लगाये गये।
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने वृक्षारोपण कार्यक्रम के बाद अपने आॅडिटोरियम में पर्यावरण दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया। कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी ने आन लाइन माध्यम से पर्यावरण संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को पर्यावरण को संरक्षित किये जाने हेतु प्रेरित किया और पर्यावरण को दूषित होने से बचाने हेतु अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने हेतु प्रोत्साहित किया।
डाॅ ध्यानी ने कहा कि आज के पर्यावरण दिवस की थीम ‘पारिस्थितिकी तंत्र की पुनस्र्थापना k (Ecosystem Restoration) पर अपने उद्बोधन में अवगत कराया गया कि पर्यावरणविद् स्वर्गीय बहुगुणा जी के नारे ‘‘क्या हैं जंगल के आधार,, मिट्टी, पानी और बयार। मिट्टी, पानी और बयार, जिन्दा रहने के आधार’’ को अपने जीवन में उतार कर सार्थक करना होगा। वनों से हमें शुद्ध मिट्टी, पानी और वायु आदि मिलती है जो जीवन के लिये आवश्यक है। इसलिए हम सभी को अधिकाधिक मात्रा में वृृक्ष लगाने होंगे। डाॅ0 ध्यानी द्वारा अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोेजित वृक्षारोपण कार्यक्रम विश्व विख्यात पर्यावरणविद स्वर्गीय श्री सुन्दर लाल बहुगणा को समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय बहुगुणा के जीवन और सिद्धान्तों से हम युगों-युगों तक प्रेरित और गौरवान्वित होते रहेंगे।



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