नवीन चौहान
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 मयंक अग्रवाल के द्वारा नमामि गंगे को लेकर एक ऐप्प तैयार किया गया था। इस ऐप्प के द्वारा भारतवर्ष में गंगा के प्रचार-प्रसार को आसानी से देखा जा सकता था। इसी क्रम में डा0 मयंक अग्रवाल ने सिस्टम एण्ड मैथड टू सिक्योरली स्टोर डाटा एप्रोच नेटवर्क इन डिस्ट्रीब्यूटर डाटाबेस्ड टू रिहेब्लीटिएटेड रिवर का पेंटेंट भारत सरकार के इण्टर लैक्चर प्रोपर्टी इण्डिया पेटेंट्स ‘डिजाइन ट्रेड माक्र्स जियोग्राफिकल इण्डीकेटर्स’ द्वारा किया गया है। यह पेटेंट भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ इण्डिस्ट्रियल एण्ड प्रोमोशन मिनिस्ट्री आफ कामर्स इण्डस्ट्री के द्वारा किया गया है। इस पेटेंट को प्रकाशित कर दिया गया है। अब पूरे भारतवर्ष में इस पेटेंट को स्टोर करने के लिए भारत सरकार नया कदम उठा सकती है। डा0 मयंक अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि देश की जितनी भी नदियां है, उन सबमें भारत सरकार का काफी बजट लगता है। उस कार्य की पारदर्शिता को आसानी से देखा जा सकता है। देश में नमामि गंगे के अन्तर्गत अलग-अलग प्रदेशों में बहुत सा काम गंगा की सफाई को लेकर हुआ है। अब आम आदमी इस सिस्टम के द्वारा भारत सरकार के कामों पर गहनता से अवलोकन करने के पश्चात् सरकार की पारदर्शिता को देख सकता है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि यह पेंटेंट विश्वविद्यालय की गरिमा को बढ़ाने में मुख्य भूमिका अदा करेगा। भारत सरकार नदियों को स्वच्छ करने के लिए समय-समय पर कार्य करती है। उस कार्य का अवलोकन भारत का आम नागरिक इस सिस्टम के माध्यम से देख सकता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने कहा कि तकनीकी के क्षेत्र में डा0 मयंक अग्रवाल ने इस सिस्टम को प्रकाशित कर विश्वविद्यालय को एक नया आयाम देने का काम किया है। आई.क्यू.ए.सी. के निदेशक प्रो0 श्रवण कुमार शर्मा ने कहा जब विश्वविद्यालय का नैक की टीम अवलोकन करने आती है तो यह पेटेंट विश्वविद्यालय के लिए एक मिल का पत्थर साबित होगा। अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो0 पंकज मदान ने कहा डा0 मयंक अग्रवाल के अलावा इस कार्य में कृष्ण बिहारी राजपूत, आदित्य त्रिपाठी, डा0 आशुतोष कुमार भट्ट का भी योगदान सराहनीय है। डा0 मयंक अग्रवाल द्वारा सिस्टम बनाना व नए पेटेंट को प्रकाशित करना बहुत बड़ा काम माना जाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष एवं विभागाध्यक्षों ने विश्वविद्यालय के कम्प्यूटर वैज्ञानिक डा0 मयंक अग्रवाल को बधाई दी है।