पतंजलि आयुर्वेद को जोड़ रहा विज्ञान के साथ: पीयूष गोयल




  • पतंजलि देश को सबसे बड़ा संस्थान है जो वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद पर शोध में संलग्न है: आचार्य
  • पतंजलि ने 65 हजार औषधीय पौधों की डॉक्यूमेंटेशन के साथ-साथ करीब साढ़े चार लाख रेफरेंस, दो हजार से ज्यादा ट्राइब्स पर कार्य किया।

नवीन चौहान.
हरिद्वार, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, भारत सरकार पीयूष गोयल आज पतंजलि अनुसंधान संस्थान पहुँचे जहाँ पतंजलि योगपीठ के महामंत्री पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने पुष्पगुच्छ व शॉल भेंट कर मंत्री का भव्य स्वागत किया। इसके उपरान्त पीयूष गोयल ने पतंजलि हर्बल गार्डन में पौधारोपण किया। तत्पश्चात आचार्य ने केंद्रीय मंत्री को सीसीआर लैब, पतंजलि रिसर्च लैब, जड़ी-बूटि आधारित हर्बेरियम कलैक्शन तथा कैनवास पेंटिंग का अवलोकन कराया। सैकड़ों वर्ष पुरानी पाण्डुलिपियों के संक्षरण एवं पुनः प्रकाशन के कार्य को देखकर मंत्री महोदय स्तब्ध रह गए।

इस अवसर पर गोयल ने कहा कि यहाँ आने से पहले कल्पना नहीं कि थी कि पतंजलि इस स्तर पर शोध व अनुसंधानात्मक कार्यों में संलग्न है। यहाँ आयुर्वेद को विज्ञान के साथ जोड़ा जा रहा है। हमारी पारंपरिक मेडिसिन, हमारे भारत के इतिहास व परंपराओं को पुनर्जीवित करने का अहम कार्य पूज्य स्वामी जी व श्रद्धेय आचार्य जी ने किया है। मुझे यहाँ कार्यरत डॉक्टर्स, वैज्ञानिक व अनुसंधानकर्ताओं की पूरी टीम के साथ मिलने का मौका मिला। ये जिस प्रतिबद्धता के साथ इन विषयों को लेकर आगे बढ़ा रहे हैं उससे अब विश्व में भारत की पहचान वैज्ञानिक मापदण्डों पर होगी।

विज्ञान और पारंपरिक मेडिसिन को जोड़ते हुए आगे कैसे बढ़ा जाएगा, इसके लिए यहाँ बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यहाँ पतंजलि के टैक्नोलॉजी सॉल्यूशन्स को भी देखने का अवसर मिला कि कैसे छोटे दुकानदार से लेकर सूक्ष्म और लघु उद्योग को टैक्नोलॉजी के साथ जोड़कर उनको आत्मनिर्भर बनाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि के माध्यम से पूरे विश्व में एक संदेश जाता है कि कैसे एक एस्पिरेशनल डिस्ट्रिकट में मॉडर्न टैक्नोलॉजी से व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहा है।

इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पीयूष गोयल देश के यशस्वी व उर्जावान मंत्री हैं जो राष्ट्रनिर्माण के अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं। श्री गोयल प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के अभियान में अग्रणी सेनानायक के रूप में सेवाएँ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि देश को सबसे बड़ा संस्थान है जो वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद पर शोध में संलग्न है। हम 65 हजार औषधीय पौधों की डॉक्यूमेंटेशन के साथ-साथ करीब साढ़े चार लाख रेफरेंस, दो हजार से ज्यादा ट्राइब्स पर कार्य किया है। हमने पेड़-पौधों व जड़ी-बूटियों के संदर्भ में ऐसी कोई चीज नहीं छोड़ी जो उपलब्ध न हो। जड़ी-बूटी आधारित करीब 35 हजार कैनवास पेंटिंग तथा 30 हजार लाइन ड्राइंग्स का कलैक्शन पतंजलि के पास है।

कार्यक्रम में पतंजलि अनुंसंधान संस्थान की वैज्ञानिक-ई डॉ. वेदप्रिया आर्य तथा आई.टी. प्रमुख कविंदर ने केंद्रीय मंत्री के सामने शोध व टैक्नोलॉजी कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ने आचार्य जी की दो शोधपरक पुस्तकों का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष जयपाल चौहान, जिला महामंत्री विकास तिवारी, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, सी.डी.ओ. सौरभ गहरवार, ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट अंशुमन सिंह, एस.डी.एम. पूरण सिंह राणा व कृषि, पेय जल, लघु सिंचाई अधिकारियों के साथ बी.डी.ओ. बहादराबाद, सहायक परियोजना अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी व पूरा सरकारी अमला मौजूद रहा।

पतंजलि की ओर से क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल, संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल, पतंजलि अनुसंधान संस्थान के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय, डॉ. ऋषि आर्य, जड़ी-बूटी वैज्ञानिक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव व डॉ. राजेश तथा आई.टी. प्रमुख कविंदर उपस्थित रहे।



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