संस्कृत साहित्य की श्रेष्ठतम कृतियां पढ़ने के लिए उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में मौका, लगाई पुस्तक प्रदर्शनी




जोगेंद्र मावी
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत साहित्य की श्रेष्ठतम कृतियां पढ़ने का अवसर विश्वविद्यालय के द्वारा पहली बार उपलब्ध कराया गया है, जिसमें सभी साहित्य प्रेमी भाग लेकर ज्ञानार्जन कर सकते हैं।
बुधवार को उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी ने किया। उद्घाटन अवसर पर कुलपति ने कहा कि यह पुस्तक प्रदर्शनी छात्रों, अध्यापकों, शोधार्थियों साहित्य प्रेमियों के लिए अत्यंत लाभप्रद है। यह पहला अवसर है कि जब एक साथ देश के कौने कौने से प्रकाशक पुस्तकों के साथ विश्वविद्यालय में आए हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अवसरों का लाभ हमें अवश्य उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संस्कृत साहित्य की श्रेष्ठतम कृतियां पढ़ने का अवसर विश्वविद्यालय के द्वारा पहली बार उपलब्ध कराया गया है, जिसमें सभी साहित्य प्रेमी भाग लेकर ज्ञानार्जन कर सकते हैं। कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पुस्तक प्रदर्शनी का उद्देश्य संस्कृत साहित्य का प्रचार प्रसार तथा छात्रों में साहित्य के प्रति जिज्ञासा पैदा करना है। कुलसचिव ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की पुस्तक प्रदर्शनियों का आयोजन विश्वविद्यालय में अनिवार्य रूप किया जाएगा। पुस्तक प्रदर्शनी में देश के 24 से अधिक प्रकाशकों द्वारा पुस्तकों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इस अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री, संस्कृत भारती के प्रदेश संगठन मंत्री योगेश विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, डीन, आचार्य, सह आचार्य, सहायक आचार्य सहित विश्विद्यालय के कर्मचारीगण उपस्थित थे।

उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर देवी प्रसाद त्रिपाठी, संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री एवं अन्य प्रोफेसर्स प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए


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