निरंतर कोशिश करने वाला ही पाता है सफलता: डॉ. अजय अग्रवाल




न्यूज 127.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय करियर एवं पर्सनैलिटी डेवलपमेंट विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को कृषि महाविद्यालय के सभागार में संपन्न हो गई। इस दौराना कार्यशाला में हिस्सा लेने वाले छात्र छात्राओं ने विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी को ध्यान से सुना और अपने करियर में उनका उपयोग करने पर बल दिया।

करियर काउंसलर तथा भूतपूर्व अधिष्ठाता प्रोफेसर अजय अग्रवाल ने उद्यमिता की उपयोगिता एवं उसमें सफलता पाने के लिए मूल मंत्र बताएं बताएं। डॉ अग्रवाल ने कहा कि समाज में दो प्रकार के लोग हैं, एक जो अपनी ऊर्जा को दूसरों के लिए लगा देते हैं और बदले में एक निश्चित वेतन प्राप्त करते हैं। यह नौकरी का मार्ग है। दूसरे वह हैं जो औरों की ऊर्जा को किसी समाज उपयोगी कार्य में लगाकर उनका एक निश्चित वेतन देकर एक उद्यम की स्थापना करते हैं। यह उद्यम का मार्ग है, उद्यम मार्ग में असीमित संभावनाएं हैं।

डॉ. अजय अग्रवाल ने अपने संबोधन में भारतीय ज्ञान परंपरा एवं श्रीमद् भागवत गीता का उदाहरण देते हुए बताया कि उद्यमता में सफलता के तीन मंत्र हैं। भावना, ज्ञान और कर्म। अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ निश्चय करना होगा। यदि एक बार उद्देश्य निश्चित कर लिया जाए तो उस उद्देश्य को पाने के लिए जितना ज्ञान चाहिए उसे प्राप्त करना होगा। ज्ञान दो प्रकार के होते हैं, एक बिजनेस एनवायरमेंट का और दूसरा अपने प्रोडक्ट का। इस दौरान स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन एवं कंपनी स्टार्टअप के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।

हरी भरी कंपनी इलाहाबाद के निदेशक अनिल श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में वेस्ट को किस प्रकार से रिसाइलिंग करके उपयोगी बनाया जाए और उससे स्टार्टअप शुरू किया जा सके इसकी जानकारी छात्र—छात्राओं को दी। इस अवसर पर निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट प्रोफेसर आरएस सेंगर ने कहा कि छात्र-छात्राओं को चाहिए कि वह अपनी कमजोरी को खूबी बनाकर कंपनी के सामने पेश करें। अगर इंटरव्यू में कमियों पर सवाल पूछ ही लिया जाए तो जवाब रचनात्मक तरीके से दें। उन्होंने कहा कंपनी के हर ऐसे पेशवारों के चयन को अधिक प्राथमिकता देते हैं जिनकी क्षमताएं एवं कौशल कंपनी के लिए लाभदायक होते हैं, इसलिए इंटरव्यू के दौरान प्रबंधक से अपनी उन कमजोरी का जिक्र ना करें जो नौकरी की भूमिका से मेल खाती हो।

इस दौरान प्रोफेसर सत्य प्रकाश ने कहा कि छात्रों को अपनी क्षमताओं के बारे में बताना चाहिए जिससे इंटरव्यू में वह सफल हो सके। एसोसिएट डायरेक्टर ट्रेनिंग प्लेसमेंट प्रोफेसर डीबी सिंह ने कहा इंटरव्यू में अपनी व्यक्तिगत ताकत के बचाए अपनी क्षमताओं के बारे में बताने का प्रयास करें उन्हें अपने उन कौशलों के बारे में बताएं जो न केवल प्रभावशाली हो बल्कि आज के संदर्भ में प्रासंगिक भी हो। साथ ही इंटरव्यू के दौरान प्रबंधक को अपनी खूबियों और शैक्षणिक योग्यता के बारे में बताना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

प्रोफेसर आरएस सेंगर ने बताया की कुलपति प्रोफेसर के0के0 सिंह के दिशा निर्देश में विश्वविद्यालय में छात्रों के लिए स्पेशल करियर काउंसलिंग पर्सनैलिटी डेवलपमेंट तथा प्लेसमेंट के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिससे यहां के सत्र प्रतिशत छात्रों को प्लेसमेंट मिल सके और वह विभिन्न उद्योगों में अपनी उपयोगिता साबित कर सकें आज समापन समारोह में लगभग 240 छात्र छात्राएं उपस्थित रहे इस दौरान पर्यावरण विद डॉ मधु वत्स डॉ अनिल रावत प्रोफेसर शालिनी गुप्ता डॉक्टर देश दीपक नई दिल्ली से आए हुए शशांक रावत तथा युद्धवीर सिंह भी उपस्थित रहे।



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