कोरोना के प्रकोप से घबराने की नही सजग रहने की जरूरत, घर में आराम करो




नवीन चौहान
कोरोना संक्रमण के प्रकोप से घबराने की नही अपितु सजग रहने की जरूरत है। आपकी सावधानी ही आपका बचाव है। इसीलिए कुछ दिन घरों में रहकर आराम करना ही बेहतर होगा। आराम करने से आपको मानसिक और शारीरिक लाभ भी मिलेगा। इसके अतिरिक्त कोरोना का वायरस आपको छू भी नही पायेगा। इसी के साथ कोरोना की भयंकर बीमारी से निजात भी मिल जायेगी।
भारत के नागरिकों को कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए केंद्र सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। देश की तमाम राज्य सरकारों ने अपने पूरी सरकारी तंत्र की जनता की सुरक्षा—व्यवस्था में लगा दिया है। अगर उत्तराखंड की बात करें तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बेहतर तरीके से कोरोना से निबटने की योजना बनाई और जनता को जागरूक किया। जिसके चलते कोरोना वायरस उत्तराखंड की सीमा में प्रवेश नही कर पाया। महज एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण की पुष्टि होने की जानकारी मिली है। हालांकि कुछ संदिग्धों की जांच जरूर की जा रही है। अभी तक तो सबकुछ ठीक ठाक है। लेकिन आगे की स्थिति में बेहतर तरीके से निबटने के लिए नागरिकों का जागरूक होना ही सबसे बड़ा बचाव है। सभी नागरिक अपने—अपने घरों में रहे और आराम करें। बच्चों के साथ मनोरंजन करें। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करें। मास्क का उपयोग करें और हाथों को सेनेटाइज करते रहे।

भारतीयों पर एक कहावत
वैसे भारतीयों में एकता तो बहुत है। लेकिन भारत के नागरिक अपनी सेहत को लेकर संजीदा कम दिखलाई पड़ते है।  भारतीय अपनी आंखे तभी खोलते है जब बीमारी घर के भीतर दस्तक दे दे। या फिर तब आंखे खोलते है जब पड़ोसी बीमारी से जूझ रहा होता है। लेकिन इस बार सभी भारत के नागरिकों को एकजुटता दिखाने का वक्त है। सभी नागरिक घरों में रहकर कारोना के प्रकोप से बचे और पड़ोसी को भी बचने की सलाह दे। वही दूसरी ओर देश की सरकार के सहयोगी बने। केंद्र और राज्य सरकार का कार्य आपको इस कोरोना के प्रकोप से बचाना है तो आपकी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि सरकार के निर्देशों का पालन करें। जिससे सरकार के सामने संकट की स्थिति ना हो। बीमारी को फैलने से रोका जा सके।



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