सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने दोनों को दोषी करार दिया। फैसला सुनाए जाने के वक्त कोली और पंढेर अदालत में ही मौजूद थे। अदालत का फैसला आने के तुंरत बाद दोनों को हिरासत में ले लिया गया। पंढेर जमानत पर रिहा चल रहा था। अदालत दोनों के खिलाफ सजा 24 जुलाई को सुनाएगी।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के वकील जे. पी. शर्मा की दलीलों पर गौर किया। शर्मा ने अदालत से कहा कि वैज्ञानिक तथ्यों से यह साबित हो चुका है कि कोली ने युवती का अपहरण किया, उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी। उसने सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी की।
वहीं, लगातार लापता हो रहे बच्चों को लेकर निठारी पुलिस पहले से ही परेशान थी। पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को निठारी कांड का खुलासा करते हुए कोठी नंबर डी-5 से सुरेंद्र कोली और मोनिदंर सिंह पंढेर को गिरफ्तार किया। कोली की निशानदेही पर पुलिस ने कोठी से बच्चों की चप्पल, कपड़े व बाकी सामान भी बरामद किया था। इसके अलावा पुलिस को कोठी के पीछे के नाले से कई कंकाल व खोपड़ियां भी मिली थीं।
इस घटना का खुलासा होने के बाद लापता युवती के परिजन भी कोठी नंबर डी-5 पहुंचे थे और उन्होंने वहां युवती के कपड़ों की पहचान की। इसके बाद केस सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था। सीबीआई ने कोली के खिलाफ युवती का अपहरण, रेप और हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया। इस मामले में सीबीआई ने 46 गवाहों को पेश करके उनके बयान दर्ज कराए थे। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से 3 गवाह पेश किए गए।
सुरेंद्र कोली को अब तक हो चुकी है 7 मामलों में फांसी
-13 सितंबर 2009: एक बच्ची की हत्या का आरोप
-12 मई 2010: एक बच्ची की हत्या का मामला
-28 सितंबर 2010: एक बच्ची की हत्या का आरोप
-22 दिसंबर 2010: एक बच्ची का मर्डर
-24 दिसंबर 2012: एक बच्ची की हत्या का मामला
-7 अक्टूबर 2016: एक महिला की हत्या का आरोप मामले
-16 दिसंबर 2016: एक युवती की हत्या का आरोप
24 July 2017 सुरेंदर कोली और मोनिंदर पंधेर को फांसी की सजा