गंगा किनारे होगी प्राकृतिक खेती, किसानों की आय होगी दोगुनी




मेरठ।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि उप्र में योगी सरकार प्राकृतिक खेती की शुरुआत करने जा रही है। इससे न केवल किसानों की आय में इजाफा होगा बल्कि उत्पादन भी गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। बताया कि गंगा किनारे पांच किलोमीटर तक और बुंदेलखंड में किसान प्राकृतिक खेती करेंगे। किसानों को प्राकृतिक खेती करने के प्रति जागरूक करना होगा।

प्राकृतिक खेती पर सेमिनार
मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि मोदीपुरम में प्राकृतिक खेती से कृषि समृद्धि विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, विशिष्ट अतिथि केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान, उप्र के कृषि शिक्षा राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख रहे।

ग्लोबल वार्मिंग से जीवन संकट में
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जीवन संकट में पड़ रहा है। ऐसे संकट की घड़ी में कृषि वैज्ञानिकों को किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक करना होगा। प्राकृतिक खेती में लागत कम आती है और आय में बढ़ोतरी होती है। रसायनिक उर्वरकों के प्रयोग से उपजाऊ भूमि के सारे सूक्ष्म जीव खत्म हो गए हैं, जिससे भूमि बंजर होती जा रही है।

गौमूत्र और गोबर से खेती के लाभ बताए
उन्होंने कहा कि गौमूत्र और गोबर से खेतों में फिर से सूक्ष्म जीव पैदा किए जा सकते हैं। अपने खेतों में पैदा हो रही फसलों के बारे में बताते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती से जमीन बच रही है और कृषि आय चार गुनी हो रही है। प्राकृतिक खेती के उत्पादन बेचने के लिए सरकार बाजार की व्यवस्था भी कर रही है।

प्राकृतिक खेती से बढ़ाएं आए
कृषि शिक्षा राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि उप्र में अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते हैं। अब किसानों को प्राकृतिक खेती करके अपनी आय बढ़ानी चाहिए। प्राकृतिक खेती में लागत कम आती है और आय दोगुनी हो जाती है। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि प्राकृतिक खेती को सरकार का साथ मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जानकारी देने के लिए लगाए स्टॉल
विवि में प्राकृतिक खेती की जानकारी देने वाले स्टॉल लगाए गए। अतिथियों ने इन स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. आरके मित्तल, डॉ. पीके सिंह, अनिल सिरोही, डॉ. आरएस सेंगर, रितुल सिंह आदि उपस्थित रहे।



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