भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पहले से ही करें कार्य-प्रबन्ध: आनंदी बेन पटेल




मेरठ। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि0वि0 परिसर के गांधी हॉल में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी वि0वि0 का पंचदश दीक्षांत समारोह भव्य रूप से मनाया गया। समारोह में कुल 07 छात्र-छात्राओ को मेडल तथा 353 छात्र-छात्राओ को विभिन्न संकायो में उपाधि दी गयी।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर व मटकी में जलधारा अर्पित कर जल संचयन के संदेश के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मा0 राज्यपाल महोदया द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण, सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की मूर्ति पर माल्यार्पण तथा वार्षिक कृषि तकनीकी दर्शिका-2023 व आर्टिफीशियल इंटेलिजेन्स इन एग्रीकल्चर नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।

दीक्षांत समारोह में 07 में से 05 मेडल लडकियो को मिलने पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा हर्ष व्यक्त करते हुये कहा कि यह कृषि क्षेत्र में बदलाव को इंगित करता है। हमारी बेटियां कृषि क्षेत्र में भी आ रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के समझ में आ रहा है कि बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार पढाया जाये। जब हमारे स्टूडेंट अपनी रूचि के अनुसार आगे बढते हैं तो मुझे लगता है कि भारत आत्मनिर्भर अवश्य बनेगा।

उन्होंने विश्वविद्यालय को प्रतिवर्ष पासआउट होने वाले स्टूडेंट का मोबाइल नंबर, उनकी सफलता आदि के बारे में विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा। देश विदेश से आने वाले छात्रो की डिटेल भी वेबसाइट पर अपलोड करें ताकि लोग इसे देखकर प्रेरित हो सके।

भारत को वैश्विक जी-20 समूह की मिली अध्यक्षता पर हर्ष व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि देश के भिन्न-भिन्न शहरों में जी-20 समूह का अगले वर्ष आयोजन किया जायेगा, जिसमें उ0प्र0 के चार शहर शामिल है। कुलपति एवं छात्र समूह इसमें हिस्सा लें, अपने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों यथा जलवायु परिवर्तन से कृषि सुरक्षा और विपरीत जलवायु परिस्थितियों से मुकाबला कर सकने वाले फसल की किस्मों के विकास पर किये गये कार्यों के बारे में जानकारी साझा करें।

साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 को मिलेट अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जी-20 सम्मेलन में आने वाले मेहमानो को मिलेट से बने नये-नये व्यंजन खिला सकते है। उन्होने किसानो को भी मोटे अनाज बोने तथा खाने के लिए प्रेरित करने की सलाह दी।

भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन तथा जल प्रबंधन की चर्चा करते हुये उन्होने कहा कि कई क्षेत्रो में शुद्ध जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिसके समाधान के लिए भारत सरकार ने हर घर नल से जल योजना प्रारंभ की है। भोजन, पानी शुद्ध होगा तो बीमारियां भी कम होगी। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास के लिए सुझाव देते हुये कहा कि एम्बेसडर के माध्यम से विदेशी विश्वविद्यालयों से संपर्क कर सकते है। अपने छात्र-छात्राओ को विदेशी विश्वविद्यालय में भेज सकते है तथा वहां के छात्र-छात्राओ को अपने यहां बुला सकते है तथा अपने ज्ञान को साझा कर सकते है।



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