D.A.V में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया महात्मा हंसराज जी का जन्मदिवस




नवीन चौहान.
डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के संस्थापक महात्मा हंसराज जी का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। स्कूल प्रांगण में हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। वैदिक मंत्रोचारण से स्कूल गुंजायमान हुआ। स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कपिल और समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं व बच्चों ने हवन यज्ञ में आहूति दी।

डीएवी प्रबंधकृत समिति नई दिल्ली के कुशल मार्गदर्शन में संचालित हरिद्वार के जगजीतपुर स्थित डीएवी सेन्टेनरी पब्लिक में डीएवी संस्था के प्रणेता महात्मा हंसराज जी का पावन जन्मदिवस के उपलक्ष में शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया। विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल के निर्देशन में विद्यालय की नैतिक शिक्षिका डाॅ अनीता स्नातिका ने प्रातःकालीन यज्ञ का आयोजन किया। विद्यालय के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों ने इस यज्ञ में बड़ी श्रद्धा से भाग लिया।

वैदिक मंत्रोच्चारण से विद्यालय प्राँगण गुंजायमान हो उठा, हर तरफ पवित्र यज्ञ की सुगन्ध ने वातावरण को भक्तिमय कर दिया। विद्यार्थियों ने महात्मा हंसराज जी के दिखाए गए रास्ते पर चलते हुए समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने तथा समाज कल्याण में कार्यरत रहने का संकल्प लेते हुए यज्ञ में आहूति प्रदान की। कक्षा आठ के विद्यार्थियों ने स्वच्छता अभियान में अपनी सहभागिता कर विद्यालय में श्रमदान कर पावन दिवस पर मन, वचन एवं कर्म से शुचिता का संकल्प लिया। इस अवसर पर उन्होंने स्वयं स्वच्छ रहकर एवं दूसरों को स्वच्छता के बारे में जागरूक करने का संकल्प लिया।

विद्यालय की मिडल विंग की इंचार्ज सुश्री हेमलता पाण्डेय ने बच्चों को आलस्य त्याग कर महात्मा हंसराज जी के दिखाए मार्ग का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया। प्री-प्राइमरी एवं प्राइमरी विंग की इंचार्ज कुसुम बाला त्यागी ने बच्चों को महात्मा हंसराज जी द्वारा अपने जीवन काल में किए गए सेवा भाव को अपने जीवन में ढालने के लिए प्रेरित किया।मनुष्य का मानव जाति के प्रति, पशु-पक्षियों के प्रति, प्रकृति के प्रति सेवा भाव होना मानव होने का प्रमाण है। यदि इंसान इसे अपने जीवन में समाहित कर ले तो किसी अन्य पूजा-पाठ, दान-पुण्य इत्यादि की आवश्यकता ही नहीं रह जाती है।

विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने महात्मा हंसराज जी के व्यकित्व पर प्रकाश डाला और उनके बताए मार्ग का अनुसरण करने का संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि महात्मा हंसराज जी का संपूर्ण जीवन देश को समर्पित रहा। उन्होंने आर्य समाज के सिद्वांतों का पालन करते हुए वैदिक शिक्षा पर जोर दिया तथा डीएवी स्कूलों के माध्यम से श्रेष्ठ नागरिक बनाने का कार्य किया। विद्यार्थियों को अपने देश की कला एवं संस्कृति के सम्मान एवं रक्षा का संकल्प दिलाया, अपना स्नेहाशीष देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।



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