भारत माता को अखंड देखना चाहते थे महर्षि अरविंद : अजय मित्तल




संजीव शर्मा.
चौधरी चरण सिंह विविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग व विश्व संवाद केंद्र के संयुक्त तत्वधान में महर्षि अरविन्द की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ‘विभाजन की विभीषिका’ विषयक संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विचारक व चिंतक अजय मित्तल ने कहा कि महर्षि अरविन्द भारत माता को अखंड देखना चाहते थे.

अजय मित्तल ने कहा कि भारत का विभाजन होने पर उनको बहुत ठेस पहुंची थी. महर्षि के विचारों ने पूरे कालखंड को प्रभावित किया था. वह हमेशा कहते थे कि भारत विश्व गुरु बनने वाला है । महर्षि अरविंद के लेख के कारण ही देश में अखंड आजादी की ज्योत जली थी। वह समाज को ईश्वर के दर्शन भारत माता के रूप में कराना चाहते थे. वे कहते थे कि भारत माता एक ऐसी मानवीय चेतना है जो सामने आकर अपना रूप धारण कर सकती है.

कहा कि महर्षि अरविंद ने सांस्कृतिक विचार को दुनिया के सामने रखा वह कहते थे कि यदि देश का विभाजन हुआ तो भारत की महानता पर ग्रहण लग जाएगा उन्होंने पत्रकारिता में भी नए आयामों को स्थापित किया उनके लेख पढ़ने के लिए लोग उत्सुक रहते थे उनके लेख ने देश में एक नई क्रांति को जन्म दिया एवं महर्षि अरविंद के लेखों से लाखों युवा प्रभावित हुए। अजय मित्तल ने कहा कि महर्षि अरविन्द के विचारों से प्रभावित होकर सुभाष चंद्र बोस ने सिविल सेवा से त्यागपत्र दे दिया था.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संतोष शुक्ला ने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद में महर्षि अरविंद का बहुत बड़ा योगदान था. उन्होंने चेतना के विकास का सिद्धांत दिया. महर्षि अरविंद कहते थे कि हर व्यक्ति में महामानव बनने की क्षमता है. नियमित योग से हम अपने अंदर की चेतना को जगा सकते है. उन्होंने कहा कि उनके बारे में जानना गौरवपूर्ण है। इंग्लैंड में रहते हुए भी उन्होंने अपने देश प्रेम को जागृत रखा महर्षि अरविंद का व्यक्तित्व अद्भुत था हर कोई उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के निदेशक एवं आचार्य प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने कहा कि महर्षि अरविंद ने पत्रकारिता को एक नया आयाम दिया देश को आजाद कराने में उनके लेखों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। क्योंकि उनके लेख पढ़कर ही हजारों युवा को प्रेरणा मिली और वह युवा आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। प्रोफेसर प्रशांत कुमार ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम का संचालन डॉ मनोज कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान सुरेंद्र कुमार प्रांत प्रचार प्रमुख, सुमंत कुमार, अमरीश पाठक, वीनस शर्मा, मितेन्द्र गुप्ता, ज्योति वर्मा, अनुज कुमार, उपेश दीक्षित, राकेश कुमार, नाजर, राजीव एवं विभाग के छात्र- छात्रायें उपस्थित रहे.



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