नवीन चौहान
झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की बहादुरी और तात्या टोपे की सूझबूझ ने अंग्रेजों को झांसी से खदेड़ दिया। डीएवी स्कूल में आयोजित वैदिक चेतना सम्मेलन के मंच पर स्कूल के 9वीं के बच्चों ने झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई के बचपन और अंग्रेजों से संघर्ष को बड़ी खूबसूरती से प्रस्तुत किया।
महारानी लक्ष्मीबाई के जन्म लेने से लेकर विवाह संस्कार और पति की मृत्यु के बाद अंग्रेजों से मुकाबले का चित्रण किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि और अभिभावक रोमांचित हो उठे।
भारत के इतिहास के पन्नों को अगर पलटा जाए तो वीरों की शौर्यगाथाएं से जुड़ी तमाम कहानियां भरी पड़ी है। भौतिकता के इस युग में नई पीढ़ी को इतिहास को जानने और समझने में दिलचस्पी नही रही।
लेकिन आर्य समाज के नियमों पर संचालित डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल अपने बच्चों को भारत के गौरवशाली इतिहास से जोड़कर रखता है। इसीलिए वैदिक चेतना सम्मेलन का प्रतिवर्ष आयोजन करता है। स्कूल के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं बच्चों को अपने संस्कार और संस्कृति की सीख देते है। इसी के चलते हरिद्वार का डीएवी स्कूल अग्रणी श्रेणी में शुमार है। स्कूल के बच्चे देश—विदेश में भारत का नाम गौरवांवित कर रहे है।