नवीन चौहान
कोरोना महामारी में भले ही लोगों की जान ज्यादा गई हो, लोगों के कारोबार ठप हो गए हो, शहर छोड़ना पड़ा हो, लेकिन हरिद्वार जनपद में एक गंभीर बीमारी के मामले आधे से भी कम आए। बात कर रहे है छुआछूत की बीमारी एड्स की। हरिद्वार जनपद में जहां पिछले साल 90 मरीजों के मामले सामने आए, लेकिन कोरोना महामारी कार्यकाल में केवल 39 मरीजों के मामले सामने आए।
कोरोना के वायरस से बचने के लिए देश में 23 मार्च को लाॅकडाउन लगा दिया गया था। दो महीने तक तो लोगों को घर से निकलने की भी पाबंदी थी। वायरस से बचने के लिए सबसे बड़ी शर्त है कि लोगों को एक दूसरे व्यक्ति से दूरी बनाकर रहना है। इसके लिए 6 फीट या दो गज की दूरी की शर्त लागू कर दी गई। जिसने इस शर्त का पालन किया उसे कोरोना संक्रमण नहीं हुआ। या ये कहे कि जो व्यक्ति घरों से कम निकला और कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया वे बीमारी से बच गए। लेकिन कोरोना के संक्रमण फैलने के भय से जहां लोगों के कारोबार, नौकरी चली गई तो इससे बचने के उपायों का पालन करते हुए छुआछूत जैसी गंभीर बीमारी के मामले कम आए। यानि यह भी कह सकते हैं कि ये मर्ज उन्हें पिछले साल लगा हो और मर्ज बढ़ने पर इस साल अस्पताल पहुंचे हो तो भी चल सकता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डाॅ अजय कुमार ने बताया कि इस साल में एड्स के कुल 39 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल 90 मरीजों के मामले सामने आए।
पिछले तीन सालों के एड्स मरीजों के मामले –—
वर्ष —- मरीज
2018-19 – 78
2019-20 – 90
2020-21 – 39
एड्स होने के कारण
एड्स एक एडवांस स्टेज है, जिसमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा तंत्र) पूरी तरह खराब हो जाता है। इसके कारण रोगी के शरीर में ढेर सारी बीमारियां और इंफेक्शन होने शुरू हो जाते हैं, जो ठीक नहीं होते हैं। एड्स रोग एचआईवी वायरस के कारण होता है। यानी शुरुआत में व्यक्ति को एड्स नहीं, बल्कि एचआईवी होता है। सही समय पर एचआईवी का पता चलने पर अगर इलाज और दवाएं शुरू कर दी जाएं, तो व्यक्ति को एड्स के खतरे को कम किया जा सकता है। इलाज न मिलने पर एचआईवी वायरस एड्स का कारण बनते हैं और एड्स एक गंभीर स्थिति है क्योंकि इसका इलाज अब तक संभव नहीं हुआ है। आइए आपको बताते हैं कुछ शुरुआती लक्षण, जो दिखने में सामान्य हैं, मगर एड्स का संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों के दिखने पर आपको एड्स की जांच जरूर करवानी चाहिए।
एड्स के लक्षण और संकेत
एड्स होने पर पीड़ित के शरीर में कई लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं। एड्स से व्यक्ति के शरीर में प्रतिरोधक क्षमता कम होने से संक्रमण, यानी आम सर्दी जुकाम से ले कर क्षय रोग जैसी बीमारियां आसानी व्यक्ति पर आक्रमण कर देती हैं। जिनका इलाज करना बहुत कठिन होता है।
एड्स की शुरुआती स्टेज में इसका पता नहीं चल पाता है और व्यक्ति को इलाज करवाने में देर हो जाती है। इसीलिए इसके शुरूआती लक्षणों के बारे में पता होना जरूरी है।
एड्स होने पर शरीर पर सूजन भरी गिल्टियां हो सकती हैं, खासकर यह दर्दरहित गिल्टियां गले, बगल या जांघों आदि में होती है।