सोनी चौहान
ये बात तो सभी जानते है कि 14 फरवरी वैलेंटाइन डे मनाते है लेकिन इसके पीछे की वजह कोई कोई ही जानता है। क्या आपकों पता है हम वैलेंटाइन डे क्यों मनाते है। और इसकी शुरूआत कब हुई थी और किसने की थी। वैलेंटाइन डे को प्यार के दिन के रूप में मनाते है। वैलेंटाइन डे के दिन कपल्स एक दूसरे को गुलाब, चॉकलेट, तोहफें और कई सारी चीजें देकर प्यार का इजहार करते हैं। फरवरी का महीना आते ही आपमें से कई लोगों ने उंगलियों पर गिनती शुरू कर दी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं वैलेंटाइन डे क्यों मानते हैं? और क्यों इस दिन का नाम वैलेंटाइन पड़ा? आइये हम आपको बताते है
रोम के एक संत के नाम पर है वैलेंटाइन डे
ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ की किताब में वैलेंटाइन की पूरी कहानी का जिक्र है। वैलेंटाइन डे रोम के एक संत के नाम पर मनाया जाता है जिनका नाम वैलेंटाइन था। ऐसा कहा जाता है कि संत वैलेंटाइन पूरी दुनिया में प्यार को बढ़ते हुए देखना चाहते थे। लेकिन रोम के राजा सम्राट क्लाउडियस को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी। क्लाउडियस को ऐसा लगता था कि रोम के लोग अपनी पत्नी और परिवारों के साथ मजबूत लगाव होने की वजह से सेना में भर्ती नहीं हो रहे हैं। इसलिए वो प्यार करने वालो को सजा देते थे।
सम्राट क्लाउडियस ने प्यार पर लगाई रोक
सम्राट क्लाउडियस ने प्यार पर रोक लगा दी। जिससे लोग ज्यादा संख्या में सेना में भर्ती हो सके। इसके लिए राजा क्लाउडियस ने रोम में शादी पर पाबंदी लगा दी। क्लाउडियस के इस आदेश से संत वैलेंटाइन ने विरोध किया। इसके विरोध में संत वैलेंटाइन ने अधिकारियों और सैनिकों की शादी करवा दी।
फांसी पर चढ़ाया
संत के द्वारा विरोध से नाराज होकर राजा क्लाउडियस ने उन्हें 14 फरवरी के दिन फांसी पर चढ़ा दिया। ऐसा कहा जाता है संत वैलेंटाइन को याद करने के लिए 14 फरवरी को ‘प्यार के दिन’ के तौर पर मनाया जाता है।