त्याग करने को कहना आसान, खुद त्याग कराना दिलदार का काम




नवीन चौहान.
पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थक और प्रदेश की जनता इन दिनों त्रिवेंद्र सिंह के त्याग की चर्चा कर रहे हैं। जनता का कहना है कि ऐसे जनसेवक कम ही मिलते हैं जो अपनी नहीं अपने साथ के कार्यकर्ताओं और आम जनता की सोचते हैं। ऐसे ही जनसेवक हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत।

त्रिवेंद्र सिंह रावत के एक समर्थक जिनका नाम विनोद चौहान है, उन्होंने अपने कमेंट में लिखा कि
आदरणीय त्रिवेंद्र सिंह जी हकीकत में सिंह है, अपना टिकट एक सामान्य कार्यकर्ता को दे दिया और खुद पार्टी को मजबूत करने विजय दिलाने के लिए जुट गए। इसे ही कहते हैं त्याग। त्याग की परिभाषा कहना आसान है लेकिन खुद त्याग करना बहुत दिलदार लोगों का काम है। सेल्यूट है आदरणीय त्रिवेंद्र जी को।

ऐसे कमेंट सोशल मीडिया पर इन​ दिनों अकेले विनोद चौहान ही नहीं लिख रहे हैं, ऐसे समर्थकों की संख्या हजारों में है जो त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यों को याद कर उनके त्याग को याद कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह से अपनी सीट एक साधारण से कार्यकर्ता के लिए खाली कर उसे चुनाव लड़ाया वह काबिले तारीफ है। यदि वह खुद चुनाव लड़ते तो आज फिर से विधायक होते और सीएम पद के प्रबल दावेदार होते।

लेकिन उन्होंने अपने हितों को त्याग कर पार्टी और प्रदेश की जनता के हितों को प्राथमिकता दी। उन्हें जितने भी कार्य अपने कार्यकाल में कराए वह सभी प्रदेश के हित में किए गए, एक भी घोटाला सामने नहीं आया। अनेक योजनाएं लाए जिनका लाभ आज प्रदेश की जनता को मिल रहा है।



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