डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस की धूम, बच्चों में जोश और उत्साह





नवीन चौहान

डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर में 76वाँ स्वतंत्रता दिवस बड़े ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। डीएवी स्कूल के प्रांगण की प्राचीर पर तिरंगा फहराया गया। मुख्य अतिथि श्री नित्यानन्द स्वामी जी ने विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्री मनोज कपिल के साथ सभी अध्यापकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति में विद्यालय की प्राचीर पर तिरंगा फहराते हुए स्वयं को गौरवान्वित अनुभव किया। भारत मां की रक्षा करते हुए अपने प्राण गंवाने वालों शहीदों को स्मरण कर सच्ची श्रद्धांजलि दी।

डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल में स्वतंत्रता दिवस की धूम

स्वतंत्रता शब्द सुनते ही देश के प्रति, स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति जो सम्मान और आदर मन में उत्पन्न होता है, वह हर व्यक्ति के रोम-रोम में चेतनता, जोश, शौर्य और साहस पैदा कर देता है। ऐसा ही जोश का वातावरण डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल के प्रांगण में दिखाई दिया।
15 अगस्त 2022 की सुबह आजादी के अमृत महोत्सव पर्व पर आज डीएवी स्कूल में प्रातःकालीन सभा में सर्वप्रथम ईश्वर आराधना से विद्यालयी गतिविधियों का प्रारम्भ हुआ। ध्वजारोहण के पश्चात् विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य मनोज कुमार कपिल ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ द्वारा किया।

डीएवी के बच्चों की शानदार प्रस्तुति

मनोज कुमार कपिल जी ने माँ सरस्वती जी के इस प्राँगण में मुख्यातिथि व सभी आगंतुकों को स्वागत करते हुए कहा कि आज जिन विद्यार्थियों ने कक्षा दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में विद्यालय को गौरवान्वित किया है, उनका हम अभिनन्दन करते हैं। इस वर्ष हमने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं तथा देश आज़ादी की 76वीं वर्षगाँठ मना रहा है। 1947 से 2022 तक हमने इन 75 वर्षों में क्या-क्या देखा, इसका आंकलन करना भी आवश्यक है। हमारे देश का लोकतंत्र सम्पूर्ण विश्व में सबसे बड़ा लोकतंत्र है।

वर्ष 1947 में ब्रिटिश संसद में भारत स्वतंत्रता बिल की चर्चा के दौरान विरोधी पार्टी के नेता चर्चिल ने तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री एटली से कहा था कि भारत के लोग डेमोक्रेसी का डी भी नहीं जानते और उस देश में लोकतंत्र की स्थापना की बात सोची जा रही है, यह भारत के लिए उचित निर्णय नहीं होगा जो भारत में अराजकता, भय व खून खराबे की स्थिति पैदा कर सकता है। आज हमने श्रीमान् चर्चिल की उस बात को पूर्णतः गलत साबित कर दिया है क्योंकि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा एवं प्रभावी लोकतंत्र है।

देश में जब भी सरकार बदलती है तो पूरे सम्मान के साथ दूसरी सरकार अथवा पार्टी के नेता को सत्ता सौंप दी जाती है किन्तु अन्य देशों में ऐसा नहीं है। अब आज़ादी के बाद से 75 वर्षों का आंकलन करें तो हमारे देश ने खूब तरक्की की है, जहाँ हमारे देश के बड़े-बड़े शहरों में लालटेन ही प्रकाश का माध्यम हुआ करती थी, आज घर-घर में बिजली पहुँचाने के बाद हम बिजली का निर्यात भी कर रहे हैं, वर्ष 1965 तक हम अपनी जरूरत पूरी करने के लिए अनाज का आयात किया करते थे, आज हम अनाज का निर्यात भी कर रहे हैं, आज हर घर में संचार के माध्यम पहुँच चुके हैं, सड़क एवं परिवहन उन्नत हो गए हैं। इन सभी वर्षों में हमने अपनी आज़ादी को जिया है, उसका अहसास किया है।

आज हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित हैं, हमारे देश के जवान हमारी रक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं, आज विश्व भर में हमारे देश का अपना रूतबा है। नई शिक्षा नीति लागू होने से विद्यार्थियों को किताबी शिक्षा के साथ-साथ कौशल शिक्षा भी दी जाएगी, जिससे नवीन आत्मनिर्भर उद्यमी पैदा होंगे जो देश को तरक्की की नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे और हमारा देश पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर बन जाएगा। इसके लिए हमें अपने हृदय में देश भक्ति की भावना को जगाए रखना है और देशभक्ति दिखाने के लिए हमें केवल सरहद पर जाकर युद्ध में भाग लेने की आवश्यकता नहीं है, उसके लिए आवश्यकता है हम सभी को अपना-अपना काम ईमानदारी से करने की, यदि सभी लोग अपना काम पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से करें तो वह भी सच्ची देशभक्ति ही है, देश प्रेम है।


उसके बाद विद्यार्थियों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सर्वप्रथम स्वामी नित्यानन्द स्वामी जी ने वेदों से संकलित की गई राष्ट्रीय प्रार्थना विद्यार्थियों द्वारा बड़ी मधुरता से गाई गई। विद्यालय के छात्र दिव्यांश दर्गन ने बड़े ही जोशीले अंदाज़ में भाषण प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों के योगदान के नियमों का पालन, नैतिकता, बड़ों के सम्मान द्वारा समझाया। देवांश ने अपने साथियों को समझाया जैसे कुछ चयनित विद्यार्थियों की टीम विद्यालय की गतिविधियों में अपने अध्यापकों के मार्गदर्शन में प्रत्येक गतिविधि में सहयोग करती है, उसी अनुभव की नींव के आधार पर बड़े होकर हमें देश की बागडोर भी सम्भालनी होगी, अतः नियमों का पालन अत्यन्त आवश्यक है। हमें स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को कभी नहीं भुलाना है।

इस जोशीले भाषण के उपरान्त कक्षा यूकेजी की नन्हीं छात्रा त्रिशा जैन ने ‘घूमर’ नृत्य की अत्यन्त मनभावन प्रस्तुति देकर उपस्थितजनों के मन को मोह लिया। विद्यालय के शिक्षक हिमांशु गुप्ता द्वारा रचित ‘हम भारत की संतान है, हम भारत की पहचान है’ गीत नन्हे बच्चों ने अत्यन्त सुन्दर तरीके से गाया तथा देशभक्ति की भावना को मजबूत किया। उसके बाद छात्राओं ने ‘भारत की बेटी’ पर बड़ा ही मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों की तालियाँ बटोरी। तत्पश्चात् बोर्ड परीक्षा में विद्यालय के कक्षा दसवीं एवं बारहवीं के टाॅपर्स को उनके अभिभावकों सहित सम्मानित किया गया। विद्यालय के छात्र आर्यन गुप्ता एवं ईशान जजोडिया की कविताओं के अत्यन्त जोशीले वाचन ने सभी उपस्थितजनों में ऊर्जा का संचार कर दिया। दोनों की कविताओं ने कलम की ताकत का लोहा मनवा लिया।

ईशान ने अपने साथियों को बताया कि अंग्रेज़ी केलैण्डर के अनुसार हम वर्ष 2022 में हैं किन्तु हमारा हिन्दु केलैण्डर इससे 57 वर्ष आगे चल रहा है, उसके अनुसार हम वर्ष 2079 में हैं और हमंे फिर से विश्वगुरू बनना है। इन जोशीली कविताओं के उपरान्त विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा ‘देश मेरे तेरी शान के सदके’ पर एक बड़ा ही मनोहर नृत्य प्रस्तुत किया गया, सभी अभिभावक एवं उपस्थितजन अपने हाथों को नहीं रोक पाए और करतल ध्वनि से उन्होने बच्चों का उत्साहवर्धन किया। इसके बाद मुख्यातिथि नित्यानन्द जी ने अपने स्नेहाशीष दिए। सर्वप्रथम उन्होंने विद्यालय के कार्यवाहक प्रधानाचार्य श्री मनोज कुमार कपिल का धन्यवाद किया कि उन्होंने इतने सुन्दर कार्यक्रम में उन्हे आमन्त्रित किया। उन्होंने बच्चों से अपने जीवन के कुछ अनुभव साझा किए। उन्होंने बच्चों को शहीदे आज़म भगत सिंह के बारे में बताया कि वह भी डीएवी के ही विद्यार्थी थे। फाँसी दिए जाने से दो दिन पूर्व तक वे किताबों का अध्ययन करते रहे। किसी भी प्रकार का भय उनके मन में नहीं था। उन्होंने बताया कि यदि हम अच्छे व्यक्तियों की जीवनियां पढ़े तो उसका प्रभाव हमारे जीवन पर भी पड़ेगा और निश्चय ही हम भी अच्छे इंसान बन जाएंगे क्योंकि अच्छी संगत का असर जरूर होता है। उन्होने कहा कि वर्ष में हमें कम से कम दो जीवनियां अवश्य ही पढ़नी चाहिए। तदुपरान्त विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती वन्दना नारंग ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम का आयोजन गंगा सदन एवं सतलुज सदन द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, विद्यालय प्रबन्धन ने दोनों सदनों के प्रमुख श्री शरद कांत कपिल एवं श्रीमती सोनिया कूपर तथा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दोनों सदनों के शिक्षकों का हार्दिक धन्यवाद किया। मंच संचालन मेघा राठी, मिष्ठी, मधुर बंसल एवं पारितोष भट्ट ने किया।



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