चौधरी चरण सिंह विवि के दीक्षान्त समारोह में बोली राज्यपाल छात्र-छात्राएं अपने कार्यों से परिजनों को प्रसन्न और राष्ट्र को सम्मानित करें




मेरठ।
चौ चरण सिंह विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षान्त समारोह में अध्यक्ष कुलाधिपति महामहिम राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मेरठ क्षेत्र चीनी के उत्पादों से हम सभी के जीवन में मिठास घोलने के लिए जाना जाता है। उन्होंने छात्र-छात्राओ से कहा कि वह अपने कार्यों से परिजनो को प्रसन्न और राष्ट्र को सम्मानित करें तथा अपने अथक प्रयासों से भारत को पुनः विश्व गुरूत्व के स्थान पर प्रतिष्ठापित करे।

उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि डिग्रियां पाना शिक्षा का अंत नहीं, विद्यार्थी हमेशा अनवरत पढने की भूमिका में रहता है। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर किया गया। राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी विद्यालय की छात्राओ को मिष्ठान व अन्य सामान वितरित किये। कुल 127961 छात्र-छात्राओ को उपाधियां वितरित की गयी जिसमें 42492 छात्र व 85496 छात्राएं है। समारोह के प्रारंभ में वंदे मातरम व समापन पर राष्ट्रगान हुआ।

कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि भारतीय संस्कति और विरासत को युगो से स्वयं में सहेज कर रखने वाली क्रांतिधरा मेरठ में ज्ञान के आलोक से आलोकित करने वाले चौ चरण सिंह वि0वि0 मेरठ के 33वे दीक्षांत समारोह में आपके समक्ष उपस्थित होकर मुझे अपार हर्षानुभूति हो रही है। भारतीय स्वातंत्रय के राष्ट्रव्यापी आंदोलन को निर्देशित करने में इस नगरी का अप्रतिम योगदान रहा है। यह स्थन ऐसा है जो चारो युगो को प्रतिनिधित्व करता है। सतयुग के रूप में भगवान परशुराम जी द्वारा प्रतिस्थापित पुरा महादेव का मंदिर लाखो श्रद्धालुओ का श्रद्धाकेन्द्र है।

आनंदी बेन पटेल ने सभी विद्यार्थियों से कहा कि वह प्रण ले कि वह जहां कहीं भी अपनी सेवा देंगे वहां पूरी ईमानदारी, निष्ठा व मनोयोग से कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि संकल्प लें कि योजना को समय से व उतनी ही लागत में पूर्ण करायेंगे। उन्होंने कहा कि आपके सत कार्य आपके व्यक्तित्व को प्रतिबिम्बित करते है। उन्होंने कहा कि युवा देश व प्रदेश के निर्माण में बढचढ कर भाग ले व बढ़चढ़ कर कार्य करे।

कहा कि नये भारत के निर्माण में छात्र शक्ति अग्रसर हो रही है। नारी शक्ति आगे बढ रही है। उन्होने कहा कि आज जितने भी अवार्ड दिये गये है उसमें छात्राएं ज्यादा है। उन्होने कहा कि छात्र-छात्राओ के बीच स्वच्छ स्पर्धा होनी चाहिए। उन्होने कहा कि हैलीकाप्टर उडाने में फोग व वर्षा आदि से बाधा न हो यह एक रिसर्च का विषय हो सकता है। उन्होने एक उदाहरण देते हुये बताया कि एक युवा ने अपने कुछ साथियो के साथ मिलकर अपने पिता द्वारा दिये गये सेकण्ड हैण्ड स्कूडर का माइलेज बढाया तथा अपने नगर की 22 सिटी बसो का भी माइलेज बढाया बाद में एक कंपनी बनायी तथा वाहनो का माइलेज बढाने के संबंध में एक प्रोजेक्ट बनाकर भारत सरकार को भेजा। भारत सरकार ने उस युवा व उसके दोस्तो की कंपनी को रू0 90 लाख स्वीकृत किये।

उन्होेने कहा कि प्रधानमंत्री जी सरयू परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जिससे 30 लाख किसानो को पानी मिलेगा। उन्होने कहा कि यह योजना 40 साल पूर्व बनी थी तब इसकी लागत रू0 100 करोड थी अब यह परियोजना रू0 10 हजार करोड में पूर्ण करायी गयी है। उन्होने कहा कि पूर्व की सरकारो ने इस पर कार्य किया होता तो इस पर इतना व्यय नहीं होता और बची हुयी धनराशि से अनेको जनकल्याणकारी कार्य कराये जा सकते थे।

कुलाधिपति ने कहा कि त्रेतायुग में यह नगर सृष्टि के श्रेष्ठ वास्तुविद्ध मयदानव की नगरी मयराष्ट्र के रूप में स्थापित होकर आज मेरठ के रूप में जगत विख्यात है। द्वापर में विश्व के पहले सबसे बडे युद्ध की विभिषीका को इसने अपनी परिधि में समेटा था और समकालीन 1857 का स्वातन्त्रय समर का बिगुल भी सैनिको ने सन्यासियों के नेतृत्व में यहीं से फूंका था। ज्ञान और संघर्ष की भूमि के रूप में जानी जाने वाली यह नगरी अब क्रीडा जगत से संबंधित उत्पादो की निर्माता एक प्रमुख नगरी के रूप में भी विकसित हो गयी है। यह क्षेत्र चीनी के उत्पादो से हम सभी के जीवन में मिठास घोलने के लिए जाना जाता है।

कहा कि यहां की आर्थिक, शैक्षिक, शारीरिक और कृषि संबंधित विशेषताओ को दृष्टिगत रखते हुये भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत के सर्वप्रथम रैपिड रेल परियोजना से इस क्षेत्र को जोडा जिससे यह क्षेत्र दिल्ली से दूर रहकर भी, उससे लाभान्वित होकर अपनी योग्यता से भारत के विकास में योगदान देकर स्वयं भी विकसित हो सके। रैपिड रेल परियोजना दिल्ली की दूरी को मेरठ के अति निकट ले आएगी और वह भी बहुत कम खर्च में। मेरठ दिल्ली एक्सप्रेसवे ने भी दिल्ली की यात्रा को बहुत ही सुगम किया है। मा0 प्रधानमंत्री जी ने ऐसे प्रयास किये है कि दिल्ली सभी की आसान पहुंच में आ जाये।

आनंदी बेन पटेल ने कहा कि इस क्षेत्र की खेल प्रतिभाओ को ध्यान में रखकर उ0प्र0 सरकार ने मेजर ध्यान चन्द्र क्रीडा विश्वविद्यालय की भी स्थापना की है जिससे स्थानीय प्रतिभाओ की भूमिका राष्ट्रीय और वैश्विक हो सके। उच्च शिक्षा दूर-दराज में रहने वाले विद्यार्थियों तक भी पहुंच सके। इसके लिए प्रदेश सरकार ने सहारनपुर में मां शाकुम्भरी राज्य वि0वि0 की स्थापना की है। महाभारत सर्किट के रूप में क्षेत्र की संस्कुति को विश्व के सम्मुख लाने की महती योजना पर भी सरकार कार्य कर रही है।

उ0प्र0 भारत के उन राज्यो में से एक है जिसने न केवल सर्वप्रथम शिक्षा नीति पर कार्यबल का गठन किया अपितु उस के अनुरूप पाठयक्रम तैयार करवाकर उसे क्रियान्वित भी कर दिया। इस कार्य में चौ चरण सिंह वि0वि0 ने अग्रणी भूमिका निभायी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने इस क्रम में बदला और आत्म गौरव के पाठयक्रम तैयार किये है। चौ0 चरण सिंह वि0वि0 ने भी यह कार्य पूर्ण मनोयोग से किया है।

कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने कहा कि कोविड-19 महामारी की त्रासदी में जिन बच्चो ने अपने माता-पिता या अर्थोंपार्जन करने वाले अभिभावको को खो दिया, उन बच्चो की वि0वि0 ने न केवल फीस माफ की बल्कि उनके कपडो एवं पुस्तको आदि के लिए एक कोष भी अपने शिक्षको एवं कर्मचारियों के सहयोग से विकसित किया। सामाजिक दायित्वो की पूर्ति के लिए इस वि0वि0 ने पूर्व में ही गांवो को गोद लेकर उनके सर्वागीण विकास की पहल की है। क्षय रोग मुक्त प्रदेश के संकल्प की पूर्ति में भी वि0वि0 ने रोगियो को गोद लेकर उनकी हर प्रकार की देखभाल की है। वि0वि0 की एक ओर अदभूत पहल को बताते हुये कहा कि गांव में जो आंगनबाडियां संचालित होती है वे अनेक प्रकार के अभावो का सामाना करती है। इस वि0वि0 ने आंगनबाडियो को समाज के सहयोग से लाभान्वित किया है जिससे कि वे अपने दायित्वो की क्षतिपूर्ति और अधिक कुशलता से प्राप्त कर सके।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने जो डिजिटल लाइब्रेरी योजना विद्यार्थियो को ई-कंटेंट पढने के लिए तैयार की थी, उसमें भी अदभूत योगदान करके प्रदेश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। उन्होने बताया कि चौ चरण सिंह वि0वि0 ने इस भूमिका को दृष्टिगत रखते हुये एक बडा पुस्तकालय जिसमें एक लाख बासठ हजार पुस्तकें, 15 हजार थीसिस, 30 लाख ई-बुक के साथ-साथ विश्व की अनेक बडी पुस्तकें उपलब्ध करवाने वाली परियोजनाओं के साथ स्वयं को सम्बद्ध किया हुआ है। जिससे विद्यार्थियों को इंटरनेट के माध्यम से वो सामग्री तत्काल उपलब्ध हो जाये। इसके लिए वि0वि0 का पूरा परिसर वाईफाई से युक्त है और यह सुविधा प्रत्येक विद्यार्थी को प्राप्त है। पुस्तकालय का अध्ययन कक्ष 24 घंटे विद्यार्थियो के लिए खुला रहता है।

कुलाधिपति ने कहा कि वि0वि0 के योग के पाठयक्रम को संस्कृत विभाग के अंतर्गत प्रारंभ किया गया है। योग की उपादेयता आज लोकविदित है। प्रधानमंत्री जी ने न केवल स्वयं योग को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बनाया बल्कि 22 जून को विश्वयोग दिवस की घोषणा हो, इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयत्न भी किये और उसमें सफलता भी प्राप्त की। आज वि0वि0 अपनी उसी भावना के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को पूर्ण निष्ठा के साथ लागू करने में सतत प्रयत्नशील है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने पदक, उपाधि तथा विशिष्ट योग्यता प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियो से मैं यह अपेक्षा करती हूॅ और आदेशित करती हूॅ कि वे अपने कार्यों से परिजनो को प्रसन्न और राष्ट्र को सम्मानित करें। हम सबका यह पुनीत कर्तव्य है कि हम अपने अथक प्रयासो से भारत को पुनः विश्व गुरूत्व के स्थान पर प्रतिष्ठापित करे। इसके लिए हमारे पास संसाधनो की कमी नहीं है कमी है तो इच्छा शक्ति की। हमें अपनी उस इच्छा शक्ति को ही जागृत करके अपने राष्ट्र को विश्व में सर्वोच्च बनाना है।



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