श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का अहम फैसला, टिहरी एवं हरिद्वार में बनेंगे विश्वविद्यालय के परिसर





नवीन चौहान
श्रीेदेव सुमन विश्वविद्यालय की कार्य परिषद की बैठक में अहम फैसला लेते हुए हरिद्वार और टिहरी जनपद में विश्वविद्यालय के परिसर की स्थापना करने का निर्णय किया है। जिसके बाद से श्रीेदेव सुमन विश्वविद्यालय से जुड़े हजारों छात्र—छात्राओं को बड़ी राहत मिलेगी। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की दूरदर्शिता और छात्र हित में उठाया गया, यह सराहनीय कदम है। इस निर्णय का हरिद्वार के छात्रों से स्वागत किया है।
10 जून 2021 को अपराह्न 3.00 बजे विश्वविद्यालय की पंचम कार्यपरिषद की बैठक कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
1.वृहद छात्र हित में विश्वविद्यालय द्वारा जनपद टिहरी में और जनपद हरिद्वार में एक— एक परिसर स्थापित किये जाने का अनुमोदन किया गया।
2.विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षान्त समारोह विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में आयोजित करने, पं ललित मोहन शर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय का नाम ‘‘पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर,ऋषिकेश,’’किये जाने,एवं विश्वविद्यालय में‘‘पं0 ललित मोहन स्मृति व्याख्यान’’ प्रारम्भ किये जाने का अनुमोदन किया गया।


3.स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र/छात्रा को‘‘श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’’ से अंलकृत किये जाने एवं पुरूष्कार राशि स्वरूप 11,000.00 रू दिये जाने का अनुमोदन किया गया।
4.विश्वविद्यालय की देहरादून स्थित सहसपुर के स्थान भाऊ वाला स्थित 2.00 एकड़ भूमि पर मैदानी छात्रों की सुगमता पूर्वक कार्य पहुंच हेतु’’कैम्प कार्यालय कम अतिथि गृह’’निर्माण किये जाने का अनुमोदन कियागया।
5.विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित स्मृति व्याख्यान (वीसी गब्बर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान, ’’श्रीदेव सुमन स्मृति व्याख्यान’’ एवं’’पंडित ललित मोहन शर्मा स्मृति व्याख्यान’’ का प्रत्येक वर्ष आयोजन किये जाने का अनुमोदन किया गया।
6.विश्वविद्यालय मुख्यालय के सभागार का नाम प्रथम विश्व युद्ध के महानायक,विक्टोरिया क्रास‘‘वीसी गब्बर सिंह नेगी मेमोरियल हाल’’किये जाने का अनुमोदन किया गया।
7.कार्य परिषद् द्वारा विश्वविद्यालय की सत्र 2020-21 की वार्षिक प्रगति का अनुमोदन किया गया और कोविड 19 संक्रमण काल में विश्वविद्यालय द्वारा किये गये विशिष्ट कार्यो की भूरी भूरी प्रशंसा की गयी।
8.विभिन्न राजकीय एवं निजी महाविद्यालय में विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रम की अवधि हेतु अस्थायी मान्यता, एवं 05 वर्ष की अस्थायी सम्बद्धता पूर्ण कर चुके संस्थानों/महाविद्यालयों को स्थायी सम्बद्धता प्रदान किये जाने हेतु कार्यवाही किये जाने का अनुमोदन किया गया।
9.राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के मध्येनजर व्यापक छात्र हित मेंकार्य परिषद द्वारा’’वार्षिक पद्धति’’को समाप्त कर इसके स्थान पर’’सेमेस्टर पद्धति’’लागू करवाये जाने का अनुमोदन कर शासन को अवगत कराने का निर्णय लिया गया।
10.विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव श्री सुधीर बुडाकोटी द्वारा विश्वविद्यालय में किये गये अमर्यादित, कृत्यों पर परिषद द्वारा खेद व्यक्त किया गया।
उक्त निर्णयों के अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा समिति, शैक्षिक परिषद एवं वित्त समिति की विभिन्न बैठकों की सम्पूर्ण कार्यवाहियों का परिषद द्वारा अनुमोदन किया गया और किये गये समस्त कार्यो से अवगत होकर परिषद द्वारा सराहना की गयी।
कोविड-19 वैश्विक संक्रमण के दृष्टिगत एवं विश्वविद्यालय में मानव संसाधनों की अत्यन्त कमी होने के बाबजूद भी,विश्वविद्यालय द्वारा 82000 छात्र-छात्राओं के परीक्षा परिणाम घोषित करने, विश्वविद्यालय में 01 घण्टा अतिरिक्त कार्य किये जाने आदि के लिए कार्यपरिषद द्वारा विश्वविद्यालय नेतृत्व की भूरि-भूरिप्रशंसा की गयी है। कुलपति की स्पष्ट सोच और पारदर्शी प्रणाली से मा0 परिषद अभिभूत हूई।
बैठक में कार्यपरिषद के सभी 17 सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे, जिनमें कुलाधिपति नामित सदस्य मा न्यायमूर्ति (सेनि) बीएस वर्मा, एयर काॅमोडोर (सेनि) देवेंद्र शर्मा,डाॅ कौशलेन्द्र सिंह भदौरिया, डाॅ गजेन्द्र सिंह,राज्य सरकार द्वारा नामित सदस्य प्रो एमएसएम रावत,पूर्व कुलपति(हेनंबगविवि), दीपेन्द्र चौधरी भाप्रसे,सचिव, उच्च शिक्षा, डाॅ पंकज पन्त, प्राचार्य, परिसर ऋषिकेश, डाॅ आरके गुप्ता, प्राचार्य, परिसर गोपश्वर, प्रो संदीप कुमार, प्राचार्य, विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश के संकायाध्यक्ष इत्यादि द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक का संचालन कार्य परिषद के सचिव प्रो एमएस रावत, प्रभारी कुलसचिव द्वारा किया गया।



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