जज्बा है तो न गरीबी और न ही भाषा बनेगी आपकी सफलता में बाधा




नवीन चौहान
हरिद्वार। यदि आपमें जज्बा है और कुछ कर दिखाने की ललक तो न गरीबी आपको पीछे कर सकेगी और न ही भाषा आपकी सफलता में बाधा बनेगी। यह कर दिखाया है कोटा क्लासेज के बच्चों ने। ठेली पर रोटी बनाने वाले बच्चे को निशुल्क शिक्षा दी तो उसका अब डॉक्टर बनने का अरमान पूरा हो जाएगा, लेकिन उसमें कुछ करने का जज्बा अवश्य होना चाहिए। कोटा क्लासेज के महानिदेशक डा रवि वर्मा का कहना है कि यदि कोई बच्चे का अभिभावक फीस जमा न कर सकता है और उनके बच्चे में कुछ बनने का जुनून है तो उसे निशुल्क शिक्षा दी जाएगी।


गरीबी नहीं रोक पायी डाॅक्टर बनने का जुनून
ठेली पर रोटियां सेंककर अपने परिवार की आर्थिक मदद करने वाला हिमांशु अब डाॅक्टर बनकर देश की सेवा करेगा। हिमांशु की गरीबी की पराकाष्ठा कोटा क्लासेस के एक शिक्षक से देखी नहीं गयी, जो कि उसकी ठेली से रोटी लेने गए थे। उन्होंने उसे कोटा क्लासेस से निःशुल्क कोचिंग दिलाकर एक साल नीट की तैयारी करायी। नीट में 460 अंक लोकर एससी कैटगरी में अपनी एमबीबीएस की सीट पक्की कर हिमांशु ने अपने परिवार का सपना पूरा किया है।


भाषा नहीं बनी बाधा
कोटा क्लासेस की हिंदी माध्यम की शिवानी ने विषम परिस्थितियों में भी हिन्दी माध्यम से तैयारी करके नीट में सफलता हासिल की। शिवानी ने 720 में से 474 अंक लाकर अपने पिता कुंवर पाल सिंह जो कि सब्जी की ठेली लगाकर अपनी बच्ची को डाॅक्टर बनाना चाहते थे, उनका सपना पूरा किया। कोटा क्लासेस ने हिन्दी माध्यम की पठन-पाठन सामग्री के साथ-साथ शिवानी को निःशुल्क कोचिंग देकर सफलता की ओर बढ़ रहे इस कदम को और मजबूत किया।



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