​हरिद्वार के अशोक गुप्ता को लखनऊ में मिला अशोक सिंघल लाइफ टाइफ अचीवमेंट अवार्ड




न्यूज 127.
हरिद्वार के विख्यात कलाकार अशोक गुप्ता को कला के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिये “उत्कर्ष ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश”, लखनऊ द्वारा “अशोक सिंघल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया गया। “उत्कर्ष ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश”, लखनऊ द्वारा कण कण में राम थीम पर ‘सातवीं अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी’ का आयोजन ‘कला-स्रोत आर्ट गैलरी’ अलीगंज, लखनऊ में किया गया।

23 जून 2024 को दोपहर 12 बजे प्रदर्शित चित्रों में से 8 उत्कृष्ट कलाकृतियों के लिये देश के वरिष्ठ कलाकारों को “अशोक सिंघल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” तथा 13 युवा कलाकारों को “पदमश्री बाबा योगेंद्र विशिष्ट राष्ट्रीय कला साधक सम्मान” श्रीमान हरिशंकर जी, राष्ट्रीय मन्त्री, विश्व हिन्दू परिषद्, दिल्ली और सन्त प्रवर सुनील कौशल जी महाराज, वृन्दावन के कर कमलों से पुरस्कृत किया गया।

हर्ष का विषय है कि इन पुरस्कृत कलाकारों में अपने हरिद्वार के वरिष्ठ कलाकार अशोक गुप्ता भी शामिल हैं। कला के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिये “अशोक सिंघल लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड” से सम्मानित किया गया। यह श्री गुप्ता के लिये ही नहीं बल्कि हरिद्वार नगर के लिये गौरव की बात है।

अशोक गुप्ता ने अनेक पुरस्कारों से सम्मानित होकर पंचपुरी को गौरवान्वित किया है जिसमें प्रमुख हैं राजीव गाँधी कल्चरल अवार्ड, कला-मित्र अवार्ड, कलाश्री अवार्ड, राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार, आइफैक्स कला शिविर सम्मान, उत्कृष्ट कलाकृति पुरस्कार व एस जी ठाकुर सिंह सिल्वर पट्टिका द्वारा इण्डियन अकादमी ऑफ़ फ़ाईन आर्ट्स, अमृतसर, हिमाचल स्टेट म्यूजियम पुरस्कार, शिमला आदि। श्री गुप्ता स्वयं एक अच्छे कलाकार होने के साथ-साथ कला और कलाकारों को गतिमान रखने में निस्वार्थ भाव से अपना योगदान देते रहते है।

अशोक गुप्ता 1980 से 2017 तक डीपीएस रानीपुर में कला-विभागाध्यक्ष रहे और वहीं से अवकाश प्राप्त किया था। अपने कार्यकाल के दौरान इनके छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पुरस्कार मिले हैं जिनमें सात बच्चों को शंकर बाल चित्रकला प्रतियोगिता में भारत के राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत किया गया है। इन्होंने डीपीएस ही नहीं बल्कि कला के माध्यम से सम्पूर्ण हरिद्वार क्षेत्र को एक अलग पहचान दिलाई है। इनके इस पुरस्कार से भी निस्संदेह हरिद्वार का गौरव बढ़ा है।



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