नवीन चौहान
प्रेशर पॉलीटिक्स के सुपर किंग हरक सिंह रावत की स्थिति आसमान से गिरे और खजूर पर अटके वाली हो गई है। भाजपा ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया तो कांग्रेस में हरीश रावत नो एंट्री का बोर्ड लगाकर डटे है। ऐसे में हरक सिंह रावत की अगली रणनीति पर सभी की निगाहे जमी है। वैसे भी हरक सिंह रावत पर मौकापरस्त होने का टैग लग चुका है। कांग्रेस सरकार को असहज करने वाले हरक सिंह रावत भाजपा के लिए कम मुसीबत का सबब नही रहे। श
बताते चले कि कैबिनेट मंत्री पद से हरक सिंह रावत को हटा दिया गया और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से अगले 6 साल तक के लिए बर्खास्त कर दिया गया है। देहरादून से लेकर दिल्ली तक यही चर्चा है कि हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। लेकिन हरक सिंह रावत की कांग्रेस में शामिल होने की राह इतनी आसान नजर नहीं आती। वर्तमान में कांग्रेस के समीकरणांे को देखते हुए लगता है कि हरक सिंह रावत भाजपा पर दबाव बनाकर और निष्कासित होकर कहीं बुरे तो नहीं फंस गए। जो हालात बताए जा रहे हैं उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि कहीं हरक सिंह का हाल ना खुदा ही मिला और ना बिसाले सनम जैसा ना हो जाए। सूत्र बताते हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सीधे तौर पर कांग्रेस आलाकमान को कह दिया है कि हरक सिंह रावत को पार्टी में शामिल कराना कार्यकर्ताओं के मनोबल को तोड़ना जैसा होगा।
हरीश रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत लोकतंत्र के हत्यारे हैं। जो एक चलती हुई सरकार को गिरा कर 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे। आज जब भाजपा में उनकी प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं चल रही है तो वह कांग्रेस में आना चाहते हैं। हरीश रावत ने सीधे शब्दों में कांग्रेस आलाकमान से कहा कि अगर हरक सिंह रावत को कांग्रेस में लिया जाता है तो पार्टी को इसका प्रदेश और देश के कई राज्यों में नुकसान होगा। ऐसे में हरीश रावत के नाराज रहने के चलते हरक सिंह रावत की कांग्रेस में एंट्री इतनी आसान नहीं है।