किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों को शहीद घोषित करे सरकार: सुरेंद्र शर्मा




मेरठ.
राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर सुरेंद्र शर्मा ने सरकार से मांग कि है जो भी हमारे किसान भाई किसान आंदोलन में अपनी शहादत दे चुके हैं उन्हें सरकार शहीद का दर्जा दे तथा साथ ही उनके परिवार को भरण पोषण के लिए 50 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दे। उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और बच्चों को फ्री शिक्षा की व्यवस्था भी सरकार करें।

राष्ट्रीय मीडिया कोआर्डिनेटर सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। उन्होंने देश के किसानों और जवानों को एक ही समान समझा था। हमारे देश का जवान फौज में भर्ती होकर इस पूरे मुल्क की हिफाजत करता है तथा हमारा किसान भाई सर्दी, पाला, बरसात, गर्मी में पूरी रात खेती किसानी में काम करते हुए हम सब के लिए खाद्यान्न मुहैया कराता है।

किसान देश की आर्थिक स्थिति की भी हिफाजत करता है। इसलिए जिस प्रकार एक जवान की शहादत के बाद उसे शहीद घोषित करते हुए उसके परिवार को पेंशन एवं अन्य सभी सुविधाएं मिलती हैं उसी तर्ज पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानो को भी शहीद घोषित करते हुए वे सभी सुविधाएं सरकार उन्हें प्रदान करें ताकि हमारे अन्नदाता भी अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर सकें।

सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आपातकाल लगने के समय जो लोग आपातकाल को हटाने आदि के लिए जेल गए थे उन्हें भी लोकतंत्र सेनानी घोषित किया हुआ है और उनके परिवार उनके परिवारों तथा उन्हें पेंशन भी प्रदान की जा रही है उसी तर्ज पर भी जिन किसानों ने काले कानूनों को हटाने के लिए दिल्ली सीमा पर अपनी शहादत दी है उन्हें भी कृषि सेनानी घोषित करते हुए उन्हें पेंशन और सभी सुविधाएं प्रदान की जाएं।

लोकदल नेता ने कहा कि किसानों को लगभग 10 माह से अधिक का समय अपने आंदोलन करते हुए हो गया है और सरकार ने जनवरी से वार्ता भी उनसे बंद कर दी है। लोकतंत्र में संवाद हीनता की स्थिति खतरनाक होती है और यह लोकतंत्र की मजबूती का सिंबल नहीं है इससे सरकार की हर धर्म ही साबित होती है यह इस प्रकार का किसानों से व्यवहार करना किसानों का अपमान है इसलिए यह किसानों का अपमान ही नहीं बल्कि पूरे देश का देश का अपमान है। इसलिए सरकार को तीनों काले कानूनों को वापस दे देना चाहिए किसानों का सम्मान ही देश का सम्मान है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *